मोदी शपथग्रहण करेंगे तो दूसरी और ममता बनर्जी देंगी धरना
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी आज नैहाटी नगरपालिका के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं संग धरना पर बैठेंगी।
कोलकाता, जेएनएन। तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर आंदोलन पर उतरने जा रही हैं। गुरुवार को एक तरफ नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे तो दूसरी ओर ममता बनर्जी कोलकाता से कुछ दूरी पर नैहाटी में धरना देंगी। उन्होंने मोदी के शपथग्रहण समारोह में जाने से इसीलिए बुधवार को इन्कार कर दिया कि भाजपा झूठ फैला रही है।
असल में पश्चिम बंगाल में कथित राजनीतिक हिंसा में मारे गए 54 कार्यकर्ताओं के परिजनों को भी मोदी के शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया गया है। इसी को लेकर ममता खफा हैं। इसीलिए ममता बनर्जी उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी नगरपालिका के सामने कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठेंगी। क्योंकि, उनका आरोप है कि भाजपा ने हिंसा फैला कर उनके कार्यकर्ताओं को इलाके में नहीं घुसने दे रहे हैं। उनके समर्थक घर छोड़ भागे हुए हैं। इसीलिए ममता यह दिखाने के लिए धरना देंगी कि तृणमूल नहीं बल्कि भाजपा ¨हसा कर रही है।
यहां बताना आवश्यक है कि बुधवार को नैहाटी नगर पालिका के 31 वार्ड पार्षदों में से चेयरमैन व उप चेयमरैन समेत 29 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं और नपा बोर्ड पर भाजपा का कब्जा हो गया। तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुरुवार को हम भाजपा के गुंडों द्वारा बेघर किए गए तृणमूल कार्यकर्ताओं को लेकर नैहाटी नगरपालिका के बाहर धरने पर बैठेंगे जिसमें पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी भी भाग लेंगी। सीएम इस दिन भाटपाड़ा भी जा सकती हैं। यहां बता दें कि चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद बैरकपुर संसदीय क्षेत्र भाजपा-तृणमूल समर्थकों में संघर्ष को लेकर लगातार सुर्खियों में रहा।
यहां से भाजपा के अर्जुन सिंह सांसद निर्वाचित हुए हैं। क्षेत्र के तहत भाजपा ने चार नगरपालिका भांटपाड़ा, नैहाटी, कांचरापाड़ा, हालीशहर में अपना कब्जा जमा लिया है। मंगलवार को ही नैहाटी नगरपालिका के 31 में से 29 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। बाकी सभी नपा के अधिकतर पार्षद भी इसी दिन तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल हुए। वहीं, नतीजे आने के बाद से तृणमूल के चार विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भाजपा लगातार तृणमूल के कुनबे में सेंधमारी कर रही है तो वहीं सियासी सरगर्मी देख प्रतीत हो रहा है कि भाजपा-तृणमूल के बीच लड़ाई अभी लंबी खींचने वाली है।
उधर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी आंदोलन के सहारे ही जुझारू नेता के तौर पर उभरी हैं ऐसे में पार्टी पर जब संकट नजर आ रहा है एक बार फिर वे रास्ते पर उतर कर आंदोलन को हथियार बनाने के मूड में हैं। बैरकपुर में हाशिये पर पहुंच रही पार्टी को धार देने के लिए खुद ममता बनर्जी धरना में शरीक होकर कार्यकर्ताओं को साथ होने का संदेश देना चाहती हैं।
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