Move to Jagran APP

'राहत कोष में रुपये दिए जाने को सीएसआर गतिविधि माना जाए'

जेएनएन, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की माग को अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गंभीरता से ल

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 06:00 AM (IST)
'राहत कोष में रुपये दिए जाने को सीएसआर गतिविधि माना जाए'
'राहत कोष में रुपये दिए जाने को सीएसआर गतिविधि माना जाए'

जेएनएन, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की माग को अगर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गंभीरता से लिया तो मुख्यमंत्री राहत कोष को मिलने वाली रकम में खासा इजाफा हो सकता है। ममता ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि निजी कंपनियों की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में रुपये दिए जाने को सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) गतिविधि माना जाए।

loksabha election banner

खबर है कि ममता ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है-'अगर मुख्यमंत्री राहत कोष में कार्पोरेट घरानों की ओर से किए जाने वाले वित्तीय योगदान को सीएसआर गतिविधि मान लिया गया तो गरीब और जरूरतमंदों को ज्यादा सहयोग मिल सकेगा। साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान के नियमों में जो भेद है, वह भी खत्म हो जाएगा।' गौरतलब है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में आर्थिक सहयोग देने पर 100 फीसद टैक्स छूट का प्रावधान है। इसी का नतीज़ा है कि आज इस कोष में 2,875 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। यह रकम लगातार बढ़ रही है। ममता की दलील है कि इसी तरह यदि मुख्यमंत्री राहत कोष में कार्पोरेट घरानों की ओर से किए जाने वाले वित्तीय योगदान को अगर सीएसआर गतिविधि मान लिया गया तो इससे योगदानकर्ताओं को कर छूट का लाभ मिलने लगेगा। तब वे और अधिक रुपये देने के लिए प्रोत्साहित होंगे। अभी मुख्यमंत्री राहत कोष हमेशा वित्तीय दबाव में रहता है क्योंकि कार्पोरेट घराने इसमें ज्यादा योगदान नहीं करते। इसके चलते जो लोग मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद की अपेक्षा रखते हैं, उनकी पूरी मदद भी नहीं हो पाती।'


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.