Move to Jagran APP

जमाई षष्ठी पर बंगाल में कल ममता सरकार ने घोषित की सरकारी छुट्टी

परंपरानुसार इस दिन जमाइयों यानी दामाद का ससुराल में खूब आदर-सत्कार किया जाता है। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 25 फीसद रहेगी। इस दिन लीची और इलिश (हिल्सा) मछली जमाइयों को खिलाने की विशेष परंपरा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 06:44 PM (IST)
सभी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और विभागों को इसके तहत सूचित करें।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में बुधवार को जमाई षष्ठी मनाया जाएगा। परंपरानुसार इस दिन जमाइयों यानी दामाद का ससुराल में खूब आदर-सत्कार किया जाता है। जमाई षष्ठी पर्व के अवसर पर ममता सरकार ने राज्य के अधीन सभी कार्यालयों, शहरी और ग्रामीण निकायों, निगमों और शैक्षिणक संस्थानाओं और राज्य के नियंत्रण वाले संस्थानों में बुधवार को अवकाश की घोषणा की है।

loksabha election banner

बता दें कि कोरोना महामारी के कारण बंगाल में फिलहाल लॉकडाउन है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने 16 जून यानी बुधवार से सरकारी कार्यालयों के खोलने की घोषणा की थी। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति 25 फीसद रहेगी।

इस बीच मंगलवार को वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पंत द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जमाई षष्ठी के अवसर पर सभी राज्य सरकार के कार्यालयों, शहरी और ग्रामीण निकाय, निगम, उपक्रम, शैक्षणिक संस्थान और अन्य कार्यालय /पश्चिम बंगाल सरकार के नियंत्रण वाले संस्थान 16 जून 2021 (बुधवार) को बंद रहेंगे। सभी विभागों से अनुरोध है कि वे सभी कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य विभागों को इसके तहत सूचित करें।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को मनाया जाता है यह पर्व

बांग्ला कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को जमाई षष्ठी को त्योहार मनाया जाता है। नाम के अनुसार इस दिन ससुराल में सास द्वारा जमाई की सेवा और खातिरदारी की जाती है। परंपरा के अनुसार सास सुबह जल्दी नहाकर षष्ठी देवी की पूजा करती हैं। पूजा के बाद बेटी और दामाद के घर आते ही दोनों की पूजा करती हैं। थाली में जल, दूर्वा, पान का पत्ता, सुपारी, मीठा दही, फूल और फल रखे जाते हैं। जमाई पर जल छिड़का जाता है। इसके बाद उनकी आरती की जाती है। फिर दही का तिलक लगाया जाता है और पीला धागा बांधकर सभी मुसीबतों से रक्षा और लंबी उम्र की कामना की जाती है। उसके बाद जमाई का गृहप्रवेश होता है। इस दिन लीची और इलिश (हिल्सा) मछली जमाइयों को खिलाने की विशेष परंपरा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.