ममता एक अच्छी इंसान हैं लेकिन उनकी सरकार निजी एजेंसी के लिए 'आउटसोर्स' है : राज्यपाल
इंटरव्यू में राज्यपाल धनखड़ ने कहा है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अच्छी इंसान हैं लेकिन उनकी सरकार निजी एजेंसी के लिए आउटसोर्स है जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल सरकार और राजभवन के बीच लगातार जारी तनातनी के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की है, हालांकि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर उन्होंने सवाल उठाए हैं। एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में राज्यपाल धनखड़ ने कहा है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अच्छी इंसान हैं लेकिन उनकी सरकार निजी एजेंसी के लिए 'आउटसोर्स' है, जो एक खतरनाक प्रवृत्ति है। राज्यपाल ने कहा कि बंगाल सरकार चक्रवात एम्फन जैसी प्राकृतिक आपदा का प्रबंधन करने तथा महामारी कोविड-19 से मुकाबला करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
यह राज्य के अक्षम स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को उजागर करता है। दरअसल, पिछले साल जुलाई में पदभार संभालने के बाद से धनखड़ का ममता सरकार के साथ तनावपूर्ण संबंध है। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और नेता लगातार उनका मजाक उड़ा रहे हैं। बंगाल में राज्यपाल को घेरना एक आदत बन गई है। लोगों को ऐसा करने के लिए काम पर रखा गया है और उन्हें रिमोट कंट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी सरकार को आउटसोर्स किया जा सकता है? यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। राज्यपाल का इशारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ओर था। यह पहली बार है जब राज्यपाल ने इशारों में प्रशांत किशोर पर तीखा हमला किया है।
राज्यपाल ने आगे कहा कि वरिष्ठ राजनेताओं के ट्विटर हैंडल को रिमोट कंट्रोल की तरह इस्तेमाल होता देख कर मेरा दिल दहल जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अच्छी इंसान हैं, लेकिन उन्हें एक सैनिक के रूप में नहीं बल्कि जनरल के रूप में काम करना चाहिए। राज्यपाल ने यह भी दावा किया कि वह तृणमूल के कई वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं, जिन्होंने अपने निजी टि्वटर हैंडल को किसी दूसरे शख्स द्वारा रिमोट कंट्रोल की तरह इस्तेमाल किए जाने के बारे में उन्हें बताया। राज्यपाल ने इसे खुला रहस्य करार देते हुए कहा कि ऐसी एजेंसियां इन वरिष्ठ राजनेताओं की रीढ तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ अच्छे स्वस्थ दिमाग वाले युवा भी इन एजेंसियों द्वारा बीमार किए जा रहे हैं। भारतीय लोकतंत्र भी उनके द्वारा प्रदूषित हो रहा है। राज्यपाल का निशाना प्रशांत किशोर की ओर था जिनकी टीम इस समय तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रही है।