छात्र ने परीक्षा में लिखा, दया कर के पास कर दीजिए सर
- छात्र की करतूत को देखकर हंसते-हंसते लोटपोट हुए परीक्षक ------- जागरण संवाददाता कोलकाता
- छात्र की करतूत को देखकर हंसते-हंसते लोटपोट हुए परीक्षक
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जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में छात्रों की शरारत देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और कॉपियों के जांचने का काम भी शुरू हो गया है। जैसे-जैसे कॉपियों की जाच हो रही है, वैसे-वैसे छात्रों के खुराफाती दिमाग की कई उपज भी सामने आ रही है। माध्यमिक के छात्रों ने परीक्षा की कॉपी में प्रश्नों के जवाब अंदाज में दिया हैं।
जानकारी के मुताबिक छात्र ने अपनी कॉपी में लिखा है 'दया कर के पास कर दीजिए सर, वरना घरवाले मुझे घर से निकाल देंगे। प्लीज सर।
वहीं एक और छात्र ने अपनी कापी में मोबाइल नंबर लिखा है तो किसी छात्र की लिखावट ही समझ नहीं आ रही। इसके अलावा कई छात्रों ने कॉपी में जवाब की जगह प्रश्न ही लिख दिया है। माना जा रहा है कि नकल पर लगाम लगने की वजह से छात्र कम सवाल के जवाब दे पाए हैं। वहीं छात्रों की शरारत को देखकर परीक्षक भी असमंजस स्थिति में है। वह नंबर भी दे तो कि आधार पर। वहीं कुछ छात्रों के उत्तर को देखकर परीक्षक की हंसी रोके नहीं रुक रही हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान नियमों के अनुसार, प्रत्येक विषय की परीक्षा 100 नंबर की होती है, जिसमें पास होने के लिए 25 नंबर लाना अनिवार्य है। वहीं 100 में से 10 नंबर प्रोजेक्ट तथा 90 नंबर की लिखित परीक्षा होती है। अधिकांश स्कूलों में छात्रों को प्रोजेक्ट के लिए 10 से 10 नंबर दे दिए जाते हैं। इसलिए परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को शेष 90 में से केवल 15 नंबर ही लाना पड़ता है। लेकिन परीक्षकों के समक्ष यह समस्या खड़ी हो जाती है कि छात्रों को 15 नंबर कैसें दिए जाएं। जब छात्र पेपर में कुछ लिखते ही नहीं है। फिर भी छात्रों को जैसे-तैसे 13 नंबर तक दिए जा रहे है लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हैं। इतने नंबर से वह परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकते।