रूस-यूक्रेन युद्ध से मिली सीख- ताकत के बगैर नहीं करता कोई सम्मान : लेफ्टिनेंट जनरल कलिता
आर्मी कमांडर बोले- ताकत होगी तभी आपकी इज्जत होगी कहारूस-यूक्रेन युद्ध ने सिखाया- अपना युद्ध अकेले लड़ना होता दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध से हार्ड पावर का महत्व स्पष्ट हो जाता। आज के समय में आपके राष्ट्र का तभी दूसरे सम्मान करेंगे जब आपके पास कठोर शक्ति होगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। रूस-यूक्रेन के बीच तीन महीने बीत जाने के बाद भी युद्ध जारी है। यूक्रेन का इतना लंबा प्रतिरोध न सिर्फ रूस के लिए आश्चर्यजनक है बल्कि इसने दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों की उन संभावनाओं को भी खारिज कर दिया है जो ये कहते रहे हैं कि अब पारंपरिक युद्ध का दौर खत्म हो गया है। इन सबके बीच सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने इस युद्ध से दुनिया को मिले कुछ सबक को रेखांकित करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इस युद्ध ने सिखाया है कि एक देश को अपना युद्ध अकेले ही लड़ना होता है। इससे आत्मनिर्भरता के महत्व का भी पता चलता है।
पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग- इन- चीफ (जीओसी-इन-सी) कलिता ने कहा- इनमें सबसे अहम बात यह है कि कठोर ताकत के बगैर कोई देश आपका सम्मान नहीं करेगा। हमें इसके महत्व को समझना होगा। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध से हार्ड पावर का महत्व स्पष्ट हो जाता है। आज के समय में आपके राष्ट्र का तभी दूसरे सम्मान करेंगे जब आपके पास कठोर शक्ति होगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं तो आपको शक्तिशाली होना पड़ेगा और ताकत रखनी पड़ेगी।
खुले संघर्ष के युग के अंत का मिथक फैलाया गया
लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने आगे कहा कि सैन्य जगत में लंबे समय से एक मिथक फैलाया जा रहा था कि अब खुले संघर्ष का समय खत्म हो गया है। यह एक मिथक था, जो रूस-यूक्रेन के युद्ध में टूट गया है। इस युद्ध ने बताया है कि जब दो राष्ट्र अपने हितों की रक्षा करेंगे तो उनके बीच होने वाला युद्ध बहुआयामी और चौतरफा होगा। उन्होंने कहा इसी के साथ छोटी अवधि के युद्धों का मिथक का टूट गया है और इस तथ्य को पुष्ट कर दिया है कि भविष्य की ज्यादातर लड़ाइयां अकेले ही लड़ी जाएंगी। उन्होंने जोर देकर कहा, आत्मनिर्भरता चाहे वह सैन्य हो या कोई और इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है। जनरल कालिता ने कहा एक मिथक यह भी था कि भविष्य के सभी संघर्ष छोटी अवधि के युद्ध होंगे लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध तीन महीने से अधिक समय से चल रहा है। आखिरकार भविष्य के संघर्ष के किसी भी मामले में एक राष्ट्र को अकेले लड़ना पड़ता है। इसलिए आत्मनिर्भर भारत की ज्यादा जरूरत है जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं।
छह से नौ जुलाई तक कोलकाता में होगा ‘मिनी डिफेंस एक्सपो’ का आयोजन
पूर्वी आर्मी कमांडर कलिता ने इस मौके पर यह भी जानकारी दी कि कोलकाता में पहली बार छह से नौ जुलाई के बीच ‘मिनी डिफेंस एक्सपो’ का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर देगा। उन्होंने उद्योग जगत के सदस्यों से कोलकाता में पहली बार आयोजित होने वाली तीन दिवसीय प्रदर्शनी में शामिल होने को कहा। कलिता ने कहा कि यह एमएसएमई और रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक अच्छा अवसर देगा। सैन्य कमांडर ने कहा कि सशस्त्र बल नए उत्पादों के अनुसंधान और विकास के लिए प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के संपर्क में हैं और उन्होंने हाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), गुवाहाटी का दौरा किया था।