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अरब सागर में मिला चूना मिट्टी व बालू का विशाल भंडार

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के सामुद्रिक अन्वेषण प्रभाग ने अरब सागर में चूना मिट्टी व चूना बालू के विशाल भंडार का पता लगाया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 01:32 PM (IST)
अरब सागर में मिला चूना मिट्टी व बालू का विशाल भंडार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के सामुद्रिक अन्वेषण प्रभाग ने अरब सागर में चूना मिट्टी व चूना बालू के विशाल भंडार का पता लगाया है। जीएसआइ के महानिदेशक दिनेश गुप्ता ने गुरुवार को महानगर में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अरब सागर के तहत गुजरात एवं महाराष्ट्र के तटीय इलाकों इनकी मौजूदगी का पता चला है।

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चूना मिट्टी व चूना बालू इस्पात उद्योग की ब्लास्ट फर्नेस और केमिकल ग्रेड और केमिकल ग्रेड लाइमस्टोन संबंधी जरुरतों को पूरा कर भारत की आयात संबंधी निर्भरता को कम कर सकता है। जीएसआइ के अन्वेषणकारी जहाज 'समुद्र-रत्नाकर' ने अरब सागर के गर्भ में पड़े इस विशाल भंडार की खोज की है। 6603 किलोमीटर सामुद्रिक क्षेत्र में 72 हजार मिलियन टन चूना मिट्टी की मौजूदगी का पता चला है।

यह भंडार पश्चिमी छोर से 80-100 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र में 55 से 120 मीटर की गहराई पर है। इस चूना मिट्टी की बेंगलुरू स्थित इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस के रीजनल मिनरल प्रोसेसिंग लैबोरेटरी में परीक्षण करने पर पता चला कि यह सीमेंट और परिशोधनकारी उद्योगों, इस्पात उद्योग की ब्लास्ट फर्नेस एवं स्टील मेल्टिंग शॉप के लिए बेहद उपयुक्त है। कई उद्योग निकायों ने इसमें दिलचस्पी भी दिखाई है।

जिस जगह पर इसकी मौजूदगी का पता चला है कि वह गुजरात एवं महाराष्ट्र के इंडियन एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में शामिल है। जीएसआइ के महानिदेशक ने आगे कहा कि केरल के तटीय इलाकों में भी 745 मिलियन टन निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले बालू का भी पता चला है। यह भंडार पोन्नानी, चवाक्कड़, एलेप्पी और कोल्लाम क्षेत्रों में समुद्र स्तर से 30 मीटर की गहराई पर हैं।

जानकारों का कहना है कि इस खोज से केरल के निर्माण उद्योग को काफी फायदा पहुंचेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि उनकी खुदाई से तटीय रेखा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा क्येंकि वे तट से 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। 


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