Mahalaya : बंगाल में महालया पर लाखों लोगों ने किया तर्पण, अधिमास के कारण एक महीने बाद होगी दुर्गा पूजा
बंगाल में गुरुवार को महालया पर लाखों लोगों ने ‘तर्पण’ किया। वहीं कोविड-19 के बीच राज्यभर में लाखों लोगों ने हुगली और अन्य नदियों तथा जलाशयों के किनारे पुरखों का तर्पण किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में गुरुवार को महालया के अवसर पर लाखों लोगों ने ‘तर्पण’ किया। हालांकि, इस वर्ष दुर्गा पूजा महोत्सव अधिमास के कारण एक महीने बाद शुरू होगा। वहीं, कोविड-19 महामारी के बीच राज्यभर में लाखों लोगों ने हुगली और अन्य नदियों तथा जलाशयों के किनारे अपने पुरखों का तर्पण किया।
आकाशवाणी पर महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का प्रसारण
आकाशवाणी पर सुबह देवी दुर्गा को समर्पित महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का प्रसारण किया गया। आकाशवाणी पर महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के पाठ का सीधा प्रसारण पहली बार 1930 के दशक में किया गया था जिसके बाद प्रतिवर्ष महालया के अवसर पर इसका प्रसारण किया जाता है।
घाटों पर जल यातायात पुलिस ने निगरानी रखी थी
इधर, हुगली नदी के विभिन्न घाटों पर कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए जल यातायात पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी थी। अधिकारियों ने कहा कि कोलकाता के 18 घाटों पर तर्पण किए जाने के दौरान उचित सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया। जगह-जगह कोलकाता पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।
कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घाटों पर तैनात
पितृ पक्ष के अंतिम दिन, परिवार के वरिष्ठ जन अपने पुरखों को जल देकर उन्हें ‘तृप्त’ करते हैं, इस अनुष्ठान को तर्पण कहा जाता है। कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भी घाटों पर तैनात किया गया था जबकि नागरिक पुलिस स्वयंसेवियों को शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए तैनात किया गया था।
सड़कों पर वाहनों का आवागमन भी प्रतिबंधित रहा
पुलिस ने कहा कि तर्पण के दौरान घाटों के आसपास सड़कों पर वाहनों का आवागमन भी प्रतिबंधित रहा। महालया पर मूर्तिकार, देवी दुर्गा की प्रतिमाओं की आंखें बनाते हैं और इस परंपरा को ‘चोखु दान’ कहा जाता है। इस साल दुर्गा पूजा एक महीने बाद शुरू होने के कारण यह परंपरा नहीं हुई।
महालया के साथ विश्वकर्मा पूजा उत्सव भी मनाया
बंगाली संवत में कार्तिक महीना शुक्रवार को शुरू हो रहा है लेकिन ‘मलमास’ या ‘अधिमास’ होने के कारण दुर्गा पूजा का पर्व 22 अक्टूबर से शुरू होगा। इस वर्ष 17 सितंबर को महालया के साथ विश्वकर्मा पूजा का उत्सव भी मनाया गया।