West Bengal : प्लाज्मा थेरेपी कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज में कारगर, अध्ययन जारी
इसके लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश हैं जिसके तहत ही जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा सकती है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्लाज्मा थेरेपी कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के इलाज में काफी कारगर साबित हो सकती है। इस पर अध्ययन जारी है। दूसरी तरफ प्लाज्मा थेरेपी की आवश्यकता पड़ने पर इसकी कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि इसे लेकर मरीज से लेकर परिजनों में जागरूकता का भी व्यापक अभाव है। इस बारे में जब खोजबीन की गई तो पता चला कि इस सिलसिले में किसी को भी सही जानकारी नहीं है। हालांकि इसके लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश हैं, जिसके तहत ही जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा सकती है।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों के प्लाज्मा को गंभीर मरीज में दिए जा सकते हैं। कोरोना से ठीक हुए मरीज के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनता है। इसी एंटीबॉडी के बल पर दूसरे मरीजों को ठीक किया जा सकता है।
प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत कब
कोरोना वायरस के तीन स्टेज हैं। पहले स्टेज में वायरस मरीज के शरीर में जाता है। दूसरे स्टेज में यह मरीज के फेफड़ों तक पहुंच जाता है। तीसरे स्टेज में शरीर इससे लड़ने की कोशिश करता है जो कि खतरनाक स्टेज है। इस स्टेज में मरीज के शरीर के अंग तक खराब हो सकते हैं। प्लाज्मा थेरेपी के लिए सबसे सही वक्त दूसरा स्टेज है।
कहां हो सकती है प्लाज्मा थेरेपी
डॉ.श्यामाशिष बंद्योपाध्याय, अपोलो ग्लिनिगल्स हॉस्पिटल, कोलकाता के वरिष्ठ फिजिशियन व मेडिकल डॉयरेक्टर ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी कितनी कारगर पर है, इस पर अध्ययन चल रहा है। यदि कोई मरीज कोरोना से ठीक हुआ है और उसके शरीर में एंटीबॉडी तैयार हुई है तो वह गंभीर मरीज को प्लाज्मा दे सकता है। जिन अस्पतालों में प्लाज्मा लेने के लिए मशीन उपलब्ध है, वहां यह पद्धति मरीज के इलाज में कारगर हो सकती है। ज्यादातर बड़े अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार हो सकती है।
डॉक्टर के परामर्श पर ही प्लाज्मा थेरेपी
बेलियाघाटा आईडी हॉस्पिटल की प्रिंसिपल डॉ. अनिमा हालदार ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी की जरूरत किसे है, यह डॉक्टर ही तय कर सकते हैं। इस पर फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल ही चल रहा है। मरीज को प्लाज्मा थेरेपी की आवश्यकता होने पर डॉक्टर इसकी उपलब्धता के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल से संपर्क करेंगे। इसके अलावा जिस मरीज में प्लाज्मा थेरेपी करनी है और जिसका प्लाज्मा लेना है, दोनों की सहमति आवश्यक है। पिछले महीने कोलकाता मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में पहले प्लाज्मा बैंक का उद्घाटन किया गया है। वर्तमान समय में यहीं पर कोरोना वायरस से ठीक हुए लोग प्लाज्मा दान कर रहे हैं।