कोलकाता पोलो सीजन : कड़े मुकाबले में आर्मी कमांडर्स पोलो कप पर राइजिंग सन का कब्जा
दुनिया के सबसे पुराने इस पोलो ग्राउंड में दोनों टीमों के बीच खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में राइजिंग सन टीम ने फोर्ट विलियम टीम को 5-4 गोल से हराकर आर्मी कमांडर्स कप पर कब्जा जमाया। दोनों ही टीमों ने फाइनल मुकाबले में शानदार खेल का परिचय दिया।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। पूर्वी सेना कमान के तत्वावधान में आयोजित कोलकाता पोलो सीजन- 2021 के अंतर्गत आर्मी कमांडर्स पोलो कप का फाइनल मुकाबला 31 दिसंबर को साल के आखिरी दिन महानगर के रायल कलकत्ता टर्फ क्लब (आरसीटीसी) के पैट विलियमसन पोलो ग्राउंड में खेला गया। इस पोलो टूर्नामेंट के दो फाइनलिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल सामंत राय की कप्तानी वाली राइजिंग सन टीम और कमांडर (सेवानिवृत्त) आखिल सिरोही की कप्तानी वाली फोर्ट विलियम टीम के बीच 2021 के पोलो सीजन का आखिरी व फाइनल मुकाबला खेला गया।
दुनिया के सबसे पुराने इस पोलो ग्राउंड में दोनों टीमों के बीच खेले गए इस बेहद ही कड़े व रोमांचक मुकाबले में राइजिंग सन टीम ने फोर्ट विलियम टीम को 5-4 गोल से हराकर आर्मी कमांडर्स कप पर कब्जा जमाया। दोनों ही टीमों ने फाइनल मुकाबले में शानदार खेल का परिचय दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने इस फाइनल मैच का लुफ्त उठाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्वी सेना कमान के प्रमुख कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे उपस्थित थे। इस दौरान सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और उनकी पत्नियों के अलावा अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे, जिन्होंने इस पोलो मुकाबले (घुड़दौड़) का भरपूर आनंद उठाया।
फाइनल मुकाबले के अंत में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने दोनों टीमों को पुरस्कार प्रदान किया और शानदार खेल के लिए सभी खिलाड़ियों की प्रशंसा की। इसी के साथ कोलकाता पोलो सीजन 2021 का समापन हो गया। 2021 के पोलो सीजन में भारतीय सेना के कुछ बेहतरीन प्रतिभाओं ने अपने खेल से सभी को आकर्षित किया।बताते चलें कि पूर्वी सेना कमान, जिसका मुख्यालय कोलकाता में ही है, की ओर से आर्मी कप घुड़दौड़ समेत अन्य खेल प्रतियोगिताओं का हर साल नियमित रूप से आयोजन किया जाता रहा है।
1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पूर्वी कमान की ओर से 2021 में स्वर्णिम विजय वर्ष का भी शानदार तरीके से पालन किया गया। 1971 के योद्धाओं के सम्मान में और भारतीय सेना के शौर्य को चिन्हित करने के लिए मनाए गए स्वर्णिम विजय वर्ष में पूर्वी कमान की ओर से यहां पूरे साल भर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।