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Kolkatta News: जेल मंत्री अखिल गिरि बोले- सरकार ला रही नया कानून, जेलों में अपने परिवार के साथ रह सकेंगे कैदी

Kolkata News राज्य में खुले सुधार गृह हैं जहां कैदी दिनभर अपने सेल से बाहर रह सकते हैं अपनी आजीविका कमा सकते हैं अपने परिवारों के साथ समय बिता सकते हैं और शाम को एक निश्चित समय से पहले अपनी सेल में वापस आ सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariPublished: Sat, 26 Nov 2022 09:29 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 09:29 PM (IST)
Kolkatta News: जेल मंत्री अखिल गिरि बोले- सरकार ला रही नया कानून, जेलों में अपने परिवार के साथ रह सकेंगे कैदी
Kolkatta Politics News: जेल मंत्री ने कहा कि जल्द ही नया कानून लागू किया जाएगा, उसका लाभ मिलेगा।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Kolkatta Politics News: बंगाल सरकार नया कानून लाने पर विचार कर रही है, जिसमें जेलों में कुछ श्रेणियों के कैदियों को अपने परिवार के साथ रहने की अनुमति होगी। बंगाल के जेल मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अखिल गिरि ने यह जानकारी दी। पूर्व मिदनापुर जिले के तमलुक में एक उत्सव के उद्घाटन के दौरान गिरि ने कहा-'राज्य सरकार नया कानून लाने की कोशिश कर रही है, जिससे कुछ श्रेणियों के कैदी जेलों में अपने परिवार के साथ रह सकेंगे। इस नई सुविधा को समायोजित करने के लिए उचित बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा।

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गिरि ने आगे कहा कि राज्य सरकार कैदियों को उनके जेल के दिन खत्म होने के बाद मुख्यधारा में वापस लाने के लिए कई कदम उठा रही है। इसका उद्देश्य उन्हें दंडित करना नहीं, बल्कि सुधारना है ताकि वे अपनी गलतियों का अहसास करें और जेलों में अपनी सजा समाप्त होने के बाद मुख्यधारा में वापस आ जाएं। जेल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह विचार मंत्री स्तर पर हो सकता है, लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई संवाद उनके पास नहीं पहुंचा है।

संपर्क करने पर सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी और पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक (सुधारात्मक सेवाएं), बीडी. शर्मा, जो जेलों में संस्कृति-चिकित्सा की अवधारणा के प्रणेता थे, ने बताया कि यह एक अद्भुत पहल होगी, बशर्ते इसे ठीक से लागू किया जाए।

उन्होंने कहा, राज्य में खुले सुधार गृह हैं, जहां कैदी दिनभर अपने सेल से बाहर रह सकते हैं, अपनी आजीविका कमा सकते हैं, अपने परिवारों के साथ समय बिता सकते हैं और शाम को एक निश्चित समय से पहले अपनी सेल में वापस आ सकते हैं। केवल एक चीज यह है कि पारिवारिक बैरकों को नियमित बैरकों से कुछ दूरी पर स्थापित करना होगा। बहुत सारे देशों, विशेष रूप से स्कैंडिनेवियाई देशों ने इस प्रणाली की शुरुआत की है।


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