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'दिखावे के लिए सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही तृणमूल'

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर राज्यभर में जारी विरोध-प्रदर्शन अब कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की दहलीज तक पहुंच गया है। शनिवार को निगम के मासिक अधिवेशन में सीएए पर चर्चा के दौरान वामो पार्षदों ने वाकआउट किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 02:00 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 02:00 PM (IST)
'दिखावे के लिए सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही तृणमूल'

जागरण संवाददाता, कोलकाता : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर राज्यभर में जारी विरोध-प्रदर्शन अब कोलकाता नगर निगम (केएमसी) की दहलीज तक पहुंच गया है। शनिवार को निगम के मासिक अधिवेशन में सीएए पर चर्चा के दौरान वामो पार्षदों ने वाकआउट किया। इसके साथ ही पार्षदों ने चेयरपर्सन माला राय पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। केएमसी के मासिक सत्र में चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की पार्षद रत्ना सूर ने सदन में सीएए से संबंधित प्रस्ताव लाने के लिए चेयरपर्सन से अनुमति मांगी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव में कहा गया था कि सीएए केलिए जिन दस्तावेजों की जरूरत है, इसपर बहस होनी चाहिए। इसी पर वामो पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए चेयरपर्सन पर भेदभाव का आरोप लगाया। वामो पार्षद देवाशीष मुखर्जी ने कहा कि बीते साल दिसंबर में हुए मासिक अधिवेशन में वाम दलों ने सीएए पर चर्चा की अनुमति मांगी थी लेकिन उस समय चेयरपर्सन ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि सीएए पर चर्चा के लिए सदन उपयुक्त जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन उपयुक्त जगह नहीं है तो तृणमूल पार्षद के प्रस्ताव को कैसे स्वीकार किया गया? चेयरपर्सन को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। इससे सदन की गरिमा धूमिल होगी और उनकी मर्यादा को भी ठेस पहुंचेगी। देवाशीष मुखर्जी ने आगे कहा-'हम हमेशा से नागरिकों के अधिकार की लड़ाई करते रहे हैं और आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे। सीएए भारतीय नागरिकों के अधिकारों का हनन है। तृणमूल और भाजपा में सांठगांठ है। तृणमूल सिर्फ दिखावे के लिए सीएए-एनआरसी का विरोध कर रही है। वाकआउट के बाद वामो पार्षदों ने चेयरपर्सन के कक्ष के बाहर धरने पर बैठकर विरोध जताया। हालांकि सदन में उपस्थित अन्य पार्षदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

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बंगाल में लागू नहीं होगा सीएए-एनआरसी : फिरहाद

बंगाल में किसी भी सूरत में एनआरसी-सीएए लागू नहीं होगा। मासिक अधिवेशन के बाद पत्रकारों से मुखातिब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने साफ कर दिया कि जब तक बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है, तब तक यहां सीएए-एनआरसी लागू नहीं हो सकता। इसके लिए मुख्यमंत्री खुद सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के इस कानून का विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा-'मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपकी सुरक्षा के लिए तृणमूल सरकार हमेशा खड़ी है।' राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) से संबंधित प्रश्न पर मेयर ने कहा कि एनपीआर भी एनआरसी और सीएए की ही एक कड़ी है। सीएए और एनआरसी के विरोध से हताश केंद्र सरकार अब एनपीआर लागू करने की फिराक में है लेकिन मुख्यमंत्री ने बंगाल में एनपीआर का काम रोक दिया है।'

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एमएमआइसी के खिलाफ आरोप की सीआइडी जांच हो

वामो पार्षद देवाशीष मुखर्जी ने कहा कि मेयर परिषद के सदस्य (निकासी) तारक सिंह और उनके सहकर्मी पर कट मनी लेने के आरोप की सीआइडी जांच होनी चाहिए। पार्षद का काम जनता की मदद करना है। जनता का प्रतिनिधि होते हुए ऐसा कुकृत्य शोभा नहीं देता। हम इसका पूरजोर विरोध करते हैं। मासिक अधिवेशन में भी हमने इस प्रस्ताव को लाने की अनुमति मांगी थी लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। बता दें कि गत शुक्रवार को वामो पार्षदों ने कहा था कि शहर के कई लोगों ने तारक सिंह व उनके सहकर्मी पर कट मनी लेने का आरोप लगाते हुए चिट्ठी सौंपी हैं। इससे कार्य कराने के एवज में कथित कट मनी लेने की बात कही गई है। ये लोग कौन हैं, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। प्रेषक के स्थान पर 'मां माटी मानुष' लिखा गया है।


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