इमारत बनाने के लिए छतों पर जल संरक्षण की व्यवस्था होगी अनिवार्य
देश में लगातार पानी की बढ़ती किल्लत को देखते हुए बंगाल सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : देश में लगातार पानी की बढ़ती किल्लत को देखते हुए बंगाल सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इस बीच अब कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने भी जल संरक्षण के लिए नया कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी योजना 'जल धरो, जल भरो' के तहत केएमसी ने महानगर में बड़ी आवासीय इमारतों के निर्माण की अनुमति के लिए इमारतों की छतों पर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। केएमसी की ओर से बताया गया कि जल्द ही भवन निर्माण संबंधी नियमों को बदला जाएगा और नए प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। भूजल को बचाने की दिशा में बड़े आवासीय परिसरों में वर्षा जल संचयन महत्वपूर्ण कदम होगा। इमारतों की छतों पर संचित बारिश के पानी का उपयोग सफाई और बागवानी के लिए किया जाएगा। हाल में किए गए एक सर्वे से इस बात का खुलासा हुआ है कि महानगर के कई हिस्सों में भूजल स्तर घटा है। इससे पहले केएमसी ने पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए वाहनों को सफाई हेतु विशेष क्षेत्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था।