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मरे पशुओं का मांस बिक्री पर निगम का अभियान जारी

-शनिवार कोलकाता नगर निगम ने सियालदह स्थित कोले मार्केट व बैठकखाना स्थित विभिन्न होटल व रेस्तरां म

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 08:00 AM (IST)
मरे पशुओं का मांस बिक्री पर निगम का अभियान जारी
मरे पशुओं का मांस बिक्री पर निगम का अभियान जारी

-शनिवार कोलकाता नगर निगम ने सियालदह स्थित कोले मार्केट व बैठकखाना स्थित विभिन्न होटल व रेस्तरां में चलाया अभियान

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-संग्रह किए गए कच्चे व पके मांसों के नमूने की निगम की प्रयोगशाला में होगी जांच

जागरण संवाददाता, कोलकाता : बजबज में भागाड़ में फेंके गए पशुओं का मांस कोलकाता के विभिन्न होटल व रेस्तरां में सप्लाई मामले में कोलकाता नगर निगम ने शनिवार भी अभियान चलाया। इस दिन सियालदह स्थित कोले मार्केट व बैठकखाना इलाका स्थित कई होटल व रेस्तरां में निगम के अधिकारियों ने अभियान चलाकर वहां से कच्चे व पके मांस का नमूना संग्रह किया। इस दिन फुटपाथ के दुकानों में भी निगम की तरफ से अभियान चलाया गया। इन जगहों से संग्रह किए गए नमूने की जांच को इसे निगम की प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। निगम के अधिकारी सबसे अधिक सियालदह के बाजारों को लेकर ही चिंतित हैं क्योंकि इस घटना में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली थी कि मुख्य रूप से ये भागाड़ से लाए गए पशुओं के मांस को सियालदह इलाका स्थित विभिन्न रेस्तरां व होटलों में सप्लाई करता था। वहीं ताजा मांस के साथ इस मांस को भी मिला दिया जाता था। निगम की तरफ से शहर के बाकी अंचलों में भी यह अभियान लगातार जारी रहेगा। वहीं दूसरी ओर इस घटना के प्रकाश में आने के बाद होटल व रेस्तरां में मांस की बिक्री कम हो गई है। मांसाहारी भोजन में चिकन व मटन की जगह मछली व अंडे की मांग ज्यादा हो गई है। ज्ञात हो कि गत गुरुवार को भागाड़ से लाए गए पशुओं का मांस होटल व रेस्तरां में सप्लाई करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

-पशुओं के अंतिम संस्कार का निर्देश

भागाड़ से लाए पशुओं का मांस बिक्री की घटना को लेकर प्रशासन बेहद चिंतित है। इसे रोकने के लिए एक तरफ पुलिस प्रशासन को सतर्क किया गया है। साथ ही शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से तमाम नगरपालिकाओं को निर्देश दिया गया है कि मरे पशुओं को जलाने या कब्र देने की व्यवस्था नियम के अनुसार करनी होगी। इसके लिए हर भागाड़ और जलाने वाली जगहों में विशेष निगरानी रखनी होगी। जरुरत पड़ने पर इस कार्य के लिए कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि भी की जाएगी लेकिन इस कार्य को पूरी सतर्कता के साथ करना होगा।


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