ममता सरकार ने कानपुर की 12 चर्म इकाइयों को दी जमीन
ममता सरकार ने कानपुर की 12 चर्म इकाइयों को भूमि आवंटित की है ताकि वे यहां परिचालन शुरू कर सके।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : ममता सरकार ने कानपुर की 12 चर्म इकाइयों को भूमि आवंटित की है ताकि वे यहां परिचालन शुरू कर सके। शुक्रवार को संपन्न हुए बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कहा था कि राज्य में उद्योग लगाने वालों की सरकार हरसंभव मदद करेगी और इसी का नतीजा रहा कि इस वर्ष सबसे अधिक 2.84 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन सबके बीच बंगाल सरकार ने कुछ कंपनियों को जमीन भी आवंटित की है।
काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट (मध्य क्षेत्र) के क्षेत्रीय अध्यक्ष जावेद इकबाल का कहना है कि बंगाल सरकार की ओर से प्रत्येक चर्म इकाई को कोलकाता की चर्मनगरी में तीन-तीन हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई है। बंगाल के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा वस्त्र विभाग ने आवंटन पत्र जारी किए हैं। भूखंड की दर 2,700 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। कहा जा रहा है कि चार माह पहले कानपुर और उन्नाव के 80 से अधिक उद्योगपतियों ने बंगाल में भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया था। बंगाल के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में 12 आवेदन मंजूर किए गए हैं। आवेदकों से आवंटन पत्र लेने के लिए कहा गया है। 12 अन्य उद्योगपतियों को आवंटन पत्र जल्द मिलेंगे। ये सभी कारोबारी चालू वित्त वर्ष में कोलकाता में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। कानपुर—उन्नाव में स्थितिया अनुकूल नहीं हैं। चर्म इकाइयों को 15 मार्च तक बंद रखने को कहा गया है। उत्तर प्रदेश चर्म उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष ताज आलम ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के साथ ही उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ा है। चर्म इकाइयों पर गंगा को प्रदूषित करने का गलत आरोप लगाया जा रहा है। आलम ने कहा कि ऐसे में चर्म इकाइयों को कानपुर की बजाय पश्चिम बंगाल स्थानातरित करने पर बाध्य होना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि कोलकाता, पार्क सर्कस, तिलजला और तपसिया इलाके में भारी संख्या में चर्म इकाइयां थी, जिसे वाम शानकाल में ही महानगर से दूर दक्षिण 24 परगना जिले के बानतल्ला में चर्म नगरी विकसित कर वहां स्थानांतरित कर दिया गया।