Move to Jagran APP

West bengal : सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय सुप्रीम कोर्ट में

सुप्रीम कोर्ट में 20 अक्टूबर को इसकी सुनवायी होने की संभावना है। रजिस्ट्री ने इसे बीस अक्टूबर को लिस्ट करने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि इसी एसएलपी के मद्देनजर विजयवर्गीय और दो को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:03 AM (IST)
West bengal : सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय सुप्रीम कोर्ट में
सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कैलाश विजयवर्गीय सुप्रीम कोर्ट में

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। हाई कोर्ट के जस्टिस विवेक चौधरी के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और दो ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में 20 अक्टूबर को इसकी सुनवायी होने की संभावना है। रजिस्ट्री ने इसे बीस अक्टूबर को लिस्ट करने का आदेश दिया है। यहां गौरतलब है कि इसी एसएलपी के मद्देनजर विजयवर्गीय और दो को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है।

loksabha election banner

यहां गौरतलब है कि जस्टिस चौधरी के फैसले के बाद ही विजयवर्गीय, जिष्णु बसु और प्रदीप जोशी के खिलाफ बेहला महिला थाना और भवानीपुर थाने में आठ अक्टूबर को एफआइआर दर्ज की गई है। इसमें एक महिला ने कैलाश विजयवर्गीय के एपार्टमेंट में सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। इस मामले में इन तीनों नेताओं को अभियुक्त बनाया गया है।

अलीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने महिला की शिकायत को एफआइआर के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। इस महिला ने 2018 में सामूहिक दुष्कर्म किये जाने का आरोप लगाते हुए बेहला के महिल थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी। एफआइआर दर्ज नहीं किए जाने पर उसने अलीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने काफी विलंब से मुकदमा दायर करने और आरोप की सच्चाई पर शक जताते हुए महिला की अपील को खारिज कर दिया।

इसके खिलाफ उसने हाई कोर्ट में रिट दायर कर दी। जस्टिस चौधरी ने मामले की सुनवायी के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को इस पर नये सिरे से विचार करने का आदेश दिया। इसके बाद तीनों नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। अब इस मामले का सारा दारोमदार सुप्रीम कोर्ट पर टिका है। हाई कोर्ट के जस्टिस हरीश टंडन के डिविजन बेंच ने इसी आधार पर 25 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.