जयनगर कांड में 11 गिरफ्तार, सीआइडी करेगी जांच
खोकन हत्याकांड से जुड़े हैं इसके तार। -सीसीटीवी फुटेज के जरिए हुई हमलावरों की शिनाख्त।
खोकन हत्याकांड से जुड़े हैं इसके तार।
-सीसीटीवी फुटेज के जरिए हुई हमलावरों की शिनाख्त।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : दक्षिण 24 परगना के जयनगर में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस विधायक विश्वनाथ दास के काफिले पर हुए हमला मामले में पुलिस ने कुल 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपितों में साजामुल नस्कर, राजा, मुन्ना, हाम्पा समेत अन्य सात शामिल है। वहीं पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी आरोपित जयनगर, मथुरापुर और मंदिरबाजार इलाके रहने वाले हैं। इधर, हमले के 12 घंटे के भीतर ही उक्त मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंप दिया गया। गुरुवार रात हुए हमले के बाद से ही पुलिस की सक्रियता लगातार बनी हुई थी और इलाके में जगह-जगह तलाशी अभियान के साथ ही पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा था। वहीं फुटेज के जरिए आरोपितों की शिनाख्त कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पूछताछ के बाद यह साफ हो जाएगा कि आखिरकार उन्होंने क्यों विधायक के काफिले पर हमला किया था। गौर हो कि गुरुवार रात तृणमूल विधायक विश्वनाथ दास की गाड़ी पर कुछ लोगों ने बम व गोलियों से हमला किया था, जिसमें विधायक के गाड़ी चालक सलीम खान उर्फ बाबू (35), स्थानीय तृणमूल नेता सरफुद्दीन खान (30)और एक अन्य तृणमूल कार्यकर्ता आमीन अली सरदार की मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो अकेले विधायक ही हमलावरों के निशाने पर नहीं थे, बल्कि उनके सहयोगी सरफुद्दीन भी निशाने पर थे और सरफुद्दीन का आपराधिक इतिहास भी रहा है। वहीं यह बात भी सामने आई है कि पिछले साल खोकन नाम के पार्टी कार्यकर्ता के हत्या मामले में सरफुद्दीन का नाम सामने आया था और वो जय हिन्द वाहिनी का ब्लॉक अध्यक्ष भी था। स्थानीय लोगों का दावा है कि खोकन इलाके के दबंग नेता गौड़ सरकार का घनिष्ठ था और मौजूदा विधायक विश्वनाथ दास गौड़ सरकार के साथ ही रहकर सियासत में अपनी जगह बनाए थे और साल 2016 के विधानसभा चुनाव में वे तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज किए। इधर, स्थानीयों की माने तो विधायक बनने के बाद गौड़ सरकार और विश्वनाथ दास के रिश्ते खराब होने की वजह से कई बार तकरार जैसे हालात बनते रहे और खोकन की हत्या के पीछे भी इन दोनों नेताओं की आपसी शत्रुता ही वजह रही। हालांकि पुलिस किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रही है और हर कड़ी की बारिकी से जांच कर रही है।