West Bengal: दीघा में दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा 100 करोड़ की लागत से बन रहा पुरी की तर्ज पर जगन्नाथ मंदिर
पुरी की तर्ज पर 20 एकड़ भूखंड में हो रहा है मंदिर का निर्माण। मंदिर में भगवान जगन्नाथ बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां की जाएगी स्थापित। समुद्र तट के पास 20 एकड़ भूखंड पर मंदिर का निर्माण पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डब्ल्यूबीहिडको) द्वारा किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार द्वारा पूर्व मेदिनीपुर जिले के समुद्र तट शहर दीघा में 100 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर बनाया जा रहा है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य दिसंबर, 2023 तक पूरा हो जाएगा। समुद्र तट के पास 20 एकड़ भूखंड पर मंदिर का निर्माण पश्चिम बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डब्ल्यूबीहिडको) द्वारा किया जा रहा है, जो ओडिशा के पुरी में सदियों पुराने जगन्नाथ मंदिर से मिलता जुलता है। यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।
कारपोरेशन के मुख्य अभियंता सुमन नियोगी ने कहा कि पुरी की तर्ज पर बन रहे 65 मीटर ऊंचे इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां होंगी। उन्होंने कहा कि दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण (डीएसडीए) निर्माण पूरा होने पर मंदिर की देखरेख करेगा।
नियोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दीघा में पुरी के समान जगन्नाथ मंदिर बनाने के सपने को साकार करने के लिए लगभग 200 मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं। राजस्थान से लाया गया लाल बलुआ पत्थर से मंदिर को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण इस साल मई में शुरू हुआ था। डीएसडीए दीघा के पास 300 साल पुराने नायकली मंदिर में एक लाइट एंड साउंड शो भी शुरू करेगा।
यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। डीएसडीए के कार्यकारी अधिकारी मानस कुमार मंडल ने कहा कि परिसर में विरासत स्थल के सौंदर्यीकरण के अलावा एक फव्वारा और लाइट एंड साउंड शो की व्यवस्था पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जनवरी, 2023 तक ये सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि यह पहल दीघा-मंदारमनी पर्यटन सर्किट का एक हिस्सा है। मंडल ने कहा कि हम चाहते हैं कि पर्यटक एक से अधिक तरीकों से दीघा-मंदारमनी को देखें। बता दें कि दीघा राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।