Bengal Police: तृणमूल से संघर्ष मामले में ISF के तीन और कार्यकर्ता गिरफ्तार, अब तक 51 की हुई गिरफ्तारी
कोलकाता के लेदर कांप्लेक्स थाने की पुलिस ने आईएसएफ के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जिनमें से तीन को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। आईएसएफ के संस्थापक ने कहा कि राज्य में हमारा सिर्फ एक विधायक है फिर भी तृणमूल डरी हुई है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस व इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) में संघर्ष की घटना में पुलिस ने आईएसएफ के तीन और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जिससे इस मामले में गिरफ्तारी बढ़कर 51 हो गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि भांगड़ की घटना के बाद कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके में पुलिस-आईएसएफ कार्यकर्ताओं में हुए संघर्ष के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद ये गिरफ्तारियां हुई हैं।
पुलिस ने 4 कार्यकर्ताओं को लिया था हिरासत में
कोलकाता के लेदर कांप्लेक्स थाने की पुलिस ने आईएसएफ के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिनमें से तीन को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। गौरतलब है कि इस मामले में आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी समेत पार्टी के 18 कार्यकर्ताओं को पहले ही एक फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा जा चुका है।
क्या ISF से डरी हुई है तृणमूल?
आईएसएफ के संस्थापक व फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनकी पार्टी का राज्य में सिर्फ एक विधायक है, फिर भी तृणमूल उनसे डरी हुई है। यह लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है। सत्ता में बैठे लोग कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। सभी समुदायों के लोग आईएसएफ से जुड़ रहे हैं। इसीलिए आईएसएफ को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में 14 बम वाला एक बैग मिला था। जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए सतर्कता एजेंसियां और पश्चिम बंगाल पुलिस सक्रिय हो गई। टीएमसी नेता अरबुल इस्लाम ने उस वक्त पुलिस से अपील करते हुए कहा था कि अलग-अलग जगहों पर बम रखने वाले आईएसएफ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी तरह कि कोई अप्रिय घटना न हो।