वर्दी उतार कर आइपीएस अफसर हुमायूं कबीर तृणमूल कांग्रेस में हुए शामिल
सियासत-रिटायरमेंट से तीन माह पहले इस्तीफा देकर ममता की मौजूदगी में थामा तृणमूल का झंडा। ममता कर चुकीं उनकी कुछ किताबों का विमोचन। कुछ माह पहले पूर्व पुलिस आयुक्त की पत्नी ने भी थाम लिया था ममता बनर्जी का दाम। बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी बहुत करीबी अफसर हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी और चंद्रनगर के पूर्व पुलिस आयुक्त(सीपी) हुमायूं कबीर मंगलवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए कबीर ने अपनी सेवानिवृत्ति से लगभग तीन माह पहले एक फरवरी को पुलिस आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। 2003 बैच के आइपीएस अधिकारी ने पूर्व बर्द्धमान जिले के कलना में आयोजित चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल का झंडा थामा।
ममता कर चुकीं उनकी कुछ किताबों का विमोचन
यहां बताते चलें कि कबीर की पत्नी अनिंदिता दास कुछ समय पहले ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुई थी। इसके बाद जब कबीर ने पुलिस की वर्दी उतारी तो उसी समय से चर्चा तेज थी कि वह तृणमूल में शामिल होंगे। क्योंकि, यह अधिकारी ममता के काफी करीबी माने जाते हैं। उनके कुछ किताबों का ममता ने अपने हाथों से विमोचन किया था।
पुलिस आयुक्त आखिरी बार सुर्खियों में आई भूमिका
चंदननगर के पुलिस आयुक्त के रूप में कबीर की भूमिका आखिरी बार सुर्खियों में आई थी जब इस्तीफे से कुछ दिन पहले भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, जिन्होंने 20 जनवरी को एक रैली में कथित रूप से विवादित गोलो मारो... नारे लगाए थे। एेसा नहीं है कि हुमायूं कबीर सिर्फ ममता के करीबी अफसर रहे हैं।
बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी बहुत करीबी अफसर हैं
वह वाम शासन के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के भी बहुत करीबी अफसर माने जाते थे।खबर है कि मुस्लिम चेहरा और पूर्व अाइपीएस अफसर होने की वजह से इस विधानसभा चुनाव में कबीर को हुगली जिले से ममता मैदान में उतार सकती हैं।