सड़क पर उतर बुद्धिजीवियों ने किया सीएए व एनआरसी का विरोध
- बुद्धिजीवियों के साथ ही जुलूस में शामिल हुए हजारों आम नागरिक - हाथों में तिरंगा लिए नागरिकता
- बुद्धिजीवियों के साथ ही जुलूस में शामिल हुए हजारों आम नागरिक
- हाथों में तिरंगा लिए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ की नारेबाजी
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोलकाता की सड़कों पर उतर बुद्धिजीवियों ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए इसे जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव पैदा करने का वाला कानून करार दिया। मौलाली स्थित रामलीला मैदान से शुरू हुआ यह जुलूस धर्मतल्ला के डोरेना क्रॉसिंग पर पहुंचने के उपरांत समाप्त हुआ, जहां जुलूस में शामिल लोगों को फिल्म निर्देशक व वरिष्ठ अभिनेत्री अपर्णा सेन और कौशिक सेन ने संबोधित किया। हाथों में तिरंगा लिए जुलूस में शामिल हुए आम लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और युवा बेरोजगार है। ऐसे में लोगों का ध्यान भटकाने को केंद्र की मोदी सरकार एनआरसी और सीएए के नाम पर लोगों को बांटने की सियासत कर रही है। वहीं अपर्णा सेन ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इतिहासकार रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव को हिरासत में लिए जाने की घटना की निंदा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार धर्म और जाति के नाम पर लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है, जिसका खुले मंच से हम विरोध को अग्रसर है। इस कानून को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इधर, कौशिक सेन ने कहा कि हम सड़क पर उतर उस सरकार का विरोध कर रहे हैं, जो धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। यहां तक की छात्र-छात्राओं पर भी लाठियां भांजी जा रही है। ऐसे में कल यहां ऐसा न हो इसलिए हम सड़क पर उतरे हैं।