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कोलकाता में अमानवीय घटना, लिंग परिवर्तन की सर्जरी में लापरवाही का विरोध करने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने की ट्रांसजेंडर की पिटाई

कोलकाता में एक ट्रांसजेंडर युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई है। कांकुड़गाछी के एक नर्सिंग होम में इलाज करा रहे मालदा के उक्त ट्रांसजेंडर ने जननांग के प्रत्यारोपण में गलत सर्जरी का आरोप लगाया तो वहां के स्वास्थ्य कर्मियों ने कथित तौर पर उसकी पिटाई की

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:46 PM (IST)
कोलकाता में एक ट्रांसजेंडर युवक के साथ अमानवीय घटना

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता में एक ट्रांसजेंडर युवक के साथ अमानवीय घटना सामने आई है। कांकुड़गाछी के एक नर्सिंग होम में इलाज करा रहे मालदा के उक्त ट्रांसजेंडर ने जननांग के प्रत्यारोपण में गलत सर्जरी का आरोप लगाया तो वहां के स्वास्थ्य कर्मियों ने कथित तौर पर उसकी पिटाई की और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। पीड़ित को एक महीने पहले 'फैलोप्लास्टी' के लिए कांकुड़गाछी के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि वहां कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

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मालदा के गजोल इलाके के रहने वाले पीड़ित के पिता ने शिकायत की कि 16 अगस्त से चार सर्जरी के बाद भी लिंग को ठीक से नहीं बदला जा सका। पांच लाख रुपये खर्च करने के बाद उनके बेटे के यह पूछने पर पीटा गया कि उसका इलाज क्यों ठीक नहीं चल रहा है? यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उनका भी मजाक उड़ाया। घटना से उनका बेटा सहम गया है। उसने बात करना लगभग बंद कर दिया है

अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए पीड़ित ने कहा-'उसके हाथ में कटे हुए स्थान को जोर से दबाया गया था। उसके सीने पर धक्का मारते हुए कहा गया कि तुम मर्द बने हो तो मर्द की तरह रहो। उसके सिर पर भी जोर से मारा। उसके बाद उसने उल्टी कर दी। तब से वह शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हो गया है। वह बोल नहीं पा रहा है। उनके जैसा कोई अन्य ट्रांसजेंडर इस तरह उत्पीड़न का शिकार नहीं हो।

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तीन बार लिंग प्रत्यारोपण में डाक्टर रहे थे विफल

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 2019 में पीड़ित के शरीर के ऊपरी हिस्से का पहला सर्जिकल आपरेशन किया गया था। तब वह 23 साल का था। इस साल 16 अगस्त को उसे कांकुड़गाछी के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। डाक्टर उसके लिंग को तीन बार ट्रांसप्लांट करने में नाकाम रहे। सितंबर की शुरुआत में आपरेशन आखिरकार सफल रहा। इस दौरान उसे कई बार स्वास्थ्य कर्मियों से अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा।


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