Move to Jagran APP

West Bengal : दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ज्योति बसु का आवास इंदिरा भवन बनेगा अतिथि गृह

वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद इस भवन का नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर इंदिरा भवन कर दिया गया था।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 09:02 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 01:42 PM (IST)
West Bengal : दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ज्योति बसु का आवास इंदिरा भवन बनेगा अतिथि गृह
West Bengal : दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ज्योति बसु का आवास इंदिरा भवन बनेगा अतिथि गृह

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता से सटे साल्टलेक में स्थित पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व दिवंगत कम्युनिस्ट नेता ज्योति बसु के आवास के रूप में चर्चित इंदिरा भवन अब अतिथि गृह बनेगा। राज्य सरकार ने इसकी योजना बना ली है। यहां तमाम सरकारी मेहमानों को ठहराया जाएगा। बताते चलें कि वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद इस भवन का नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर इंदिरा भवन कर दिया गया था, क्योंकि बांग्लादेश की स्वतंत्रता का श्रेय इंदिरा गांधी को था और लोगों ने तब जश्न आदि मनाकर इंदिरा गांधी का जयकारा आदि लगाया था।

loksabha election banner

हालांकि कुछ साल पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंदिरा भवन का नाम बदल कर कवि नजरूल भवन कर दिया था। लेकिन अभी भी ज्यादातर लोग इसे इंदिरा भवन के नाम से ही जानते हैं। दरअसल शुरुआत में राज्य सरकार ने इस भवन में कवि नजरूल के नाम से अकादमी खोलने की योजना बनाई थी, जहां म्यूजियम व शोध केंद्र भी खोलनेे की सरकार ने इच्छा जताई थी। लेकिन अब शहरी विकास मंत्रालय ने इंदिरा भवन को अतिथि गृह बनाने की योजना बनाई है। इस योजना पर कार्य शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि इस भवन में पश्चिम बंगाल के 24 वर्षो तक मुख्यमंत्री पद संभालने वाले ज्योति बसु रहते थे। यहां उन्होंने करीब दो दशक तक रहने के बाद अंतिम सांस ली थी। वर्ष 1971 में इस भवन का नाम पर्ण कुटीर था। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद इस भवन का नाम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर इंदिरा भवन कर दिया गया, क्योंकि बांग्लादेश की स्वतंत्रता का श्रेय इंदिरा गांधी को था और लोगों ने तब जश्न आदि मनाकर इंदिरा गांधी का जयकारा आदि लगाया था।

इसी परिप्रेक्ष्य में इस भवन का नाम भी बदल कर इंदिरा भवन कर दिया गया। बहरहाल मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरुआती दौर में ज्योति बसु राजभवन में रहते थे लेकिन 90 के दशक में वह यहां स्थायी रुप से रहने के लिए चले आये थे, जहां अंतिम सांस तक रहे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.