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भारतीय रेल ने एक बार फिर पेश किया स्मार्ट कोच, भविष्य में कोलकाता या हावड़ा से छूटेंगी ये ट्रेनें

भारतीय रेल का पहला स्मार्ट कोच साल 2018 में बनकर तैयार हो गया था। 12-14 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च कर इस स्मार्ट कोच को रायबरेली की मॉर्डन कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया था। भविष्य में कोलकाता व हावड़ा से भी इस तरह के स्मार्ट कोचवाले ट्रेनों को चलाया जायेगा।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 09:48 AM (IST)
भारतीय रेल ने एक बार फिर पेश किया स्मार्ट कोच

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय रेल ने एक बार फिर स्मार्ट कोच को पेश किया है। ये स्मार्ट कोच मुंबई सेंट्रल से निजामुद्दीन तक आने वाली राजधानी एक्सप्रेस में लगाये गये हैं। उसमें ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए गए हैं। जब तक ये स्मार्ट दरवाजे बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी। भारतीय रेल का पहला स्मार्ट कोच साल 2018 में बनकर तैयार हो गया था। 12-14 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च कर इस स्मार्ट कोच को रायबरेली की मॉर्डन कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया था। भविष्य में कोलकाता व हावड़ा से भी इस तरह के स्मार्ट कोचवाले ट्रेनों को चलाया जायेगा।

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स्मार्ट कोच से बेहतर यात्रा

मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को रेलवे ने हाई क्‍वालिटी के स्मार्ट कोच से लैस कर दिया है। मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में एलएचबी कोच को हटाकर तेजस क्लास के हाई क्‍वालिटी स्मार्ट कोच लगाये गये हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। इंडियन रेलवे का दावा है कि स्मार्ट रैक के जुड़ने से यात्रियों की यात्रा न सिर्फ आरामदायक, बल्कि सुरक्षित भी होगी।

आरामदेह होगी आपकी यात्रा

मुंबई सेंट्रल से निजामुद्दीन आने वाली राजधानी एक्सप्रेस में जो स्मार्ट कोच लगाये गये हैं, उनमें ऑटोमैटिक दरवाजे हैं। स्मार्ट कोच के ये दरवाजे जब तक बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी। इन दरवाजों का कंट्रोल ट्रेन के लोको पायलट के पास होगा। इस ट्रेन में तेजस के जो स्मार्ट रैक लगाए गए हैं, उसमें सभी कोच में पहली बार सोने वाली सीट लगाई गई हैं। इसमें 3एसी, 2एसी और फर्स्ट एसी के स्मार्ट कोच शामिल हैं। इससे यात्रियों का सफर आरामदायक बनाने में मदद मिलेगी।

कई नए फीचर से लैस

कोच में पैसेंजर इनफार्मेशन एंड कोच कंप्यूटिंग यूनिट लगायी गयी है। तेजस के स्मार्ट कोच वाली राजधानी ट्रेन में एयरक्राफ्ट की तर्ज पर वायो वैक्यूम टॉयलट सिस्टम लगाया गया है, जिसके जरिये पानी का इस्तेमाल कम होगा। राजधानी के सभी डिब्बों को फायर अलार्म और डिटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है। अगर किसी भी कोच में धुआं दिखता है तो फायर अलार्म में लगा सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेगा और ऑटोमैटिक ब्रेक लग जाएगा।

और भी हैं सुविधाएं

राजधानी के इन कोच में सभी डिब्बों में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसे डे-नाइट विजन, फेस रेकोगनाइजेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग सिस्टम से लैस किया गया है। पैसेंजर इनफार्मेशन सेंटर, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड, मेडिकल या सुरक्षा इमरजेंसी की स्थिति में आपातकालीन टॉकबैक से भी सभी स्मार्ट कोच को लैस किया गया है। एक एेप के जरिए मुंबई राजधानी के यात्री कोच अटेंडेंट के संपर्क में भी रह सकते हैं। 


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