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भारत अब वैश्विक स्तर पर सौर गठबंधन का उपयुक्त नेतृत्व करेगा : रामू दामोदरन

भारत अब संयुक्त राष्ट्र के साथ सौर ऊर्जा पर वैश्विक पहल का नेतृत्व करेगा। भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) शुरू किया है जिससे दोनों देश सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए अपनी बौद्धिक और उद्यमशीलता क्षमताओं में वृद्धि कर सकें।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 09:16 AM (IST)
भारत अब वैश्विक स्तर पर सौर गठबंधन का उपयुक्त नेतृत्व करेगा : रामू दामोदरन
76 वें संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर आनलाइन सत्र में बोलते रामू दामोदरन।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि पूरी दुनिया को 'सूर्य नमस्कार' की कला सिखाने वाला देश भारत अब संयुक्त राष्ट्र के साथ सौर ऊर्जा पर वैश्विक पहल का नेतृत्व करेगा। भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) शुरू किया है, जिससे दोनों देश सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए अपनी बौद्धिक और उद्यमशीलता क्षमताओं में वृद्धि कर सकें। इसके साथ तकनीकी और रचनात्मक समाधानों को मिलाकर द्विपक्षीय मंच भी बना सकें। यह कहना है संयुक्त राष्ट्र के वित्तीय तंत्र के एक अनुभवी जानकार श्री रामू दामोदरन का, जिन्होंने पिछले 25 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न विभागों में काम किया है।

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76 वें संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर कोलकाता की सामाजिक संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग एवं श्री सीमेंट के तत्वाधान में गैर-लाभकारी संगठन एजुकेशन फार आल ट्रस्ट ‘मुस्कान’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के आनलाइन सत्र में रामू दामोदरन स्कूली छात्रों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।

श्री दामोदरन ने युवा दर्शकों से कहा, भारत निश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बन जाएगा और यह आपके जीवनकाल में ही होगा, जिससे सुरक्षा परिषद और भी ज्यादा समृद्ध होगी। श्री दामोदरन ने कुछ प्रमुख विचारों पर प्रकाश डाला जो अगले 25 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र को परिभाषित करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 के पहले स्वस्थ समाज, सभी का सतत विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग, अंतरिक्ष की नयी तकनीकियों की सुविधाओं का शांतिपूर्ण उपयोग, आपातकालीन प्लेटफार्मों के निर्माण आदि जैसे वैश्विक सार्वजनिक भलाई के क्षेत्रों में वैश्विक शासन की आवश्यकता होगी।

श्री दामोदरन ने छात्रों से नयी सोच एवं अत्याधुनिक तरीके से समाज में बदलाव लाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए नये विचारों और समाधानों के बारे में सोचकर संयुक्त राष्ट्र की चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमें अक्सर वैश्विक सोचने और स्थानीय रूप से कार्य करने के लिए कहा जाता है। कई मायनों में हम इसे बदल सकते हैं। यदि आप स्थानीय स्तर पर उन परिवर्तनों के बारे में सोचते हैं जो आप अपने परिवार, घरों, स्कूलों, समुदायों में ला सकते हैं, तो इन्हें वैश्विक स्तर पर लागू किया जा सकता है।


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