Bengal Border: पेंटर का काम करने आ रहा था भारत, बीएसएफ ने पकड़े जाने पर बांग्लादेशी नागरिक को मानवीय आधार पर छोड़ा
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर लगातार मानवता का परिचय दे रही है। इससे पहले हाल में भारतीय सीमा में अवैध तरीके से प्रवेश करते पकड़े गए तीन और बांग्लादेशी नागरिकों को बिना कार्रवाई किए वापस पड़ोसी देश के सीमा रक्षक बल को सौंप दिया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बार फिर मानवता का परिचय देते हुए उत्तर 24 परगना जिले में गैर कानूनी रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करते पकड़े गए एक बांग्लादेशी नागरिक को मानवीय आधार पर वापस लौटा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शनिवार की है जब उत्तर 24 परगना में तैनात 68वीं वाहिनी की सीमा चौकी मधुपुर के जवानों ने बांग्लादेशी शख्स को भारतीय सीमा में प्रवेश करते पकड़ा। उसकी पहचान निजामुद्दीन बेपारी (50) के रूप में हुई और वह खुद को बांग्लादेश का रहने वाला बताया। पूछताछ में उसने बताया कि वह भारत में पेंटर का काम करने आ रहा था।
इधर, बीएसएफ ने उसके बयान की पड़ताल के बाद गिरफ्तार शख्स को सद्भावना और मानवीयता के आधार पर पड़ोसी देश के सीमा रक्षक बल यानी बार्डर गार्ड बांग्लादेश को सकुशल लौटा दिया। इधर, इस प्रकरण पर 68वीं वाहिनी के कमांडिंग आफिसर योगेन्द्र ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है जिसके चलते कुछ लोग पकड़े जा रहे है। पकड़े गए लोगों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए और दोनो देशों के बार्डर गार्डिंग फोर्स के बीच आपसी सहयोग और सद्भावना के चलते उनमें से निर्दोष नागरिकों को वापस लौटा दिया जाता है।
बता दें बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर लगातार मानवता का परिचय दे रही है। इससे पहले हाल में भारतीय सीमा में अवैध तरीके से प्रवेश करते पकड़े गए तीन और बांग्लादेशी नागरिकों को बिना कार्रवाई किए वापस पड़ोसी देश के सीमा रक्षक बल को सौंप दिया था। इनमें दो मछुआरे व एक महिला शामिल थीं। इनमें दोनों मछुआरों को मुर्शिदाबाद जिले में बल की 35वीं वाहिनी की सीमा चौकी निर्मलचर के जवानों ने 29 मई को गिरफ्तार किया था।