भारत-बांग्ला बिजली परियोजना को कोलकाता, बंदरगाह से जल्द भेजी जाएगी कोयले की पहली खेप
एनटीपीसी और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड की संयुक्त उद्यम से पड़ोसी देश में 1320 मेगावाट क्षमता की रामपल बिजली संयंत्र लग रही है। यह भारत की एनटीपीसी और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड की संयुक्त उद्यम है।दो तीन दिनों में रामपल बिजली संयंत्र के लिए मोंगला बंदरगाह भेजा जाएगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बांग्लादेश में संयुक्त उद्यम के जरिये लगाई जा रही नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड(एनटीपीसी) की तापीय बिजली परियोजना के लिए कोयले की पहली खेप यहां के बंदरगाह से अगले दो-तीन दिनों में पड़ोसी देश के मोंगला बंदरगाह भेजी जाएगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बीआइएफपीसी (बांग्लादेश इंडिया फ्रेंडशिप पावर कंपनी) 1,320 मेगावाट क्षमता की रामपल बिजली संयंत्र लगा रही है। यह भारत की एनटीपीसी और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड की संयुक्त उद्यम है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (पूर्व में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट) के उपाध्यक्ष एके मेहरा ने कहा कि धनबाद से कोलकाता बंदरगाह पर पहला कोयले का रैक पहुंचा है और फिलहाल इसे उतारा जा रहा है। इसे अगले दो तीन दिनों में रामपल बिजली संयंत्र के लिए मोंगला बंदरगाह भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि परीक्षण के तौर पर यह पहली खेप है। मेहरा ने कहा कि प्रत्येक रैक में 3,800 टन कोयला है। इस बंदरगाह से कोयले का यह पहला निर्यात है। सूत्रों ने कहा कि बीआइएफपीसी की कोयला चालित बिजली इकाई दिसंबर 2020 में चालू होनी थी, लेकिन परियोजना के क्रियान्वयन में विलंब हुआ है।
उसने कहा कि बांग्लादेश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना को चालू करने के लिए समयसीमा एक साल बढ़ा दी गई है। इस परियोजना को मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार इकाई के पूर्ण क्षमता के साथ चालू होने पर कोलकाता बंदरगाह से प्रति माह 20,000 टन कोयले का परिवहन किया जाएगा।