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पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आग में जलकर चार बच्चों समेत सात मरे

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक झोपड़ी में आग लगने से वहां सो रहे तीन बच्चों समेत सात लोग जिंदा जल गए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 09:12 AM (IST)
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आग में जलकर चार बच्चों समेत सात मरे
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आग में जलकर चार बच्चों समेत सात मरे

कोलकाता, जागरण न्यूज नेटवर्क। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में एक झोपड़ी में आग लगने से वहां सो रहे तीन बच्चों समेत सात लोग जिंदा जल गए। यह दर्दनाक घटना जिले के कोसीपुर ब्लॉक के पावा थानांतर्गत महादेवपुर गांव में शुक्रवार प्रात: घटी। ताड़ व खजूर के पत्तों एवं प्लास्टिक से बनी झोपड़ी में शुक्रवार प्रात: करीब चार बजे अचानक आग लग गई।

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आग इतनी तेजी से फैली कि उसमें सो रहे एक ही परिवार के सात लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नही मिला और सभी जिंदा जल गए। झोपड़ी में रखी मोटरबाइक व साइकिल भी खाक हो गई। आसपास रहने वाले लोग भी उन्हें बचा नही पाए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह परिवार खजूर और ताड़ के पेड़ों से रस निकालने का काम करता था, जिससे उनका गुजारा चलता था।

घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतकों में परिवार का मुखिया कालीचरण चौधरी (55), सुनील चौधरी (32), गीता चौधरी (27), प्रियंका चौधरी (12), गंगा चौधरी (06), राहुल चौधरी (05) व राधिका चौधरी (04) शामिल हैं, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से इलाके में मातम पसरा है। आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। आशंका जताई जा रही है कि खाना पकाने वाले चूल्हे से झोपड़ी में आग लगी और बहुत तेजी से फैल गई। घर में खजूर भी रखा था।

चूंकि खजूर अत्यधिक ज्वलनशील होता है इसलिए आग ने विकराल रूप ले लिया और घर में सो रहे लोगों को भागने का मौका तक नहीं मिला। फारेंसिक विशेषज्ञों की टीम मौके से नमूने संग्रह कर आग लगने के कारणों की जांच करेगी। गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष ठंड के मौसम में यह परिवार यहां आकर खजूर का रस संग्रह का काम करता था। ग्रामीणों के मुताबिक तीन महीने से गांव में एक सुनसान जगह पर अस्थायी झोपड़ी बनाकर यह परिवार रह रहा था, जहां बड़ी संख्या में ताड़ व खजूर के पेड़ हैं। कालीपद का परिवार मूल रूप से पुरुलिया जिले के काशीपुर थानांतर्गत बाघला गांव का रहने वाला था। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल भी घटनास्थल पर मौजूद है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

एक सप्ताह पहले सोदपुर में आग से पांच श्रमिकों की हुई थी मौत
एक सप्ताह पहले ही कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के सोदपुर में कुर्सी-टेबल बनाने वाली एक प्लास्टिक फैक्ट्री में आग से पांच श्रमिकों की जलकर मौत हो गई थी। इस सिलसिले में फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले भी कोलकाता में आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। दिसंबर, 2011 में ढाकुरिया स्थित आमरी अस्पताल में आग लगने से 91 मरीज जिंदा जल गए थे। मार्च, 2010 में स्टीफेन कोर्ट में लगी भयावह आग में 34 लोगों की जानें गई थीं।


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