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कोलकाता : अब दुर्गा प्रतिमा से 'कमल' हटाने का जारी किया फरमान

भाजपा के प्रभाव से दुर्गा पूजा को मुक्त रखने के मकसद से कोलकाता में कालीघाट स्थित संघश्री दुर्गोत्सव कमेटी ने अपने पूजा थीम के साथ ही थीम मेकर को भी किनारे कर दिया

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 25 Aug 2019 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 25 Aug 2019 10:37 PM (IST)
कोलकाता : अब दुर्गा प्रतिमा से 'कमल' हटाने का जारी किया फरमान
कोलकाता : अब दुर्गा प्रतिमा से 'कमल' हटाने का जारी किया फरमान

 जागरण संवाददाता, कोलकाता। भाजपा के प्रभाव से दुर्गा पूजा को मुक्त रखने के मकसद से कोलकाता में कालीघाट स्थित संघश्री दुर्गोत्सव कमेटी ने अपने पूजा थीम के साथ ही थीम मेकर को भी किनारे कर दिया। प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु को पूजा समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सियासी हलकों में चर्चा तेज थी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इलाके में होने वाली इस पूजा का उद्घाटन भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। जिसको लेकर भाजपा और तृणमूल के बीच टकराव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, लेकिन ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बीच तृणमूल नेताओं ने खूंटी पूजा कर भाजपा को झटका देने का काम किया।

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थीम मेकर से प्रतिमा व मंडप में बदलाव के लिए कहा
पिछले साल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूजा का उद्घाटन किया था। हालांकि पहले पूजा का थीम 'काटाकुटी खेला' निर्धारित किया गया था, लेकिन ऐन वक्त पर आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने इस थीम में तब्दीली करते हुए अब 'सबसे ऊपर मानवता' के थीम पर मंडप निर्माण का फैसला लिया है। वहीं बताया गया कि प्रदीप्त कर्मकार बतौर थीम मेकर तैयारियों में लगे हुए थे, लेकिन इसी बीच क्लब के पदाधिकारियों ने थीम मेकर से प्रतिमा व मंडप में कई तब्दीलियां करने को कहा। इतना ही नहीं, उन्हें कहा गया कि मां दुर्गा की प्रतिमा से कमल के फूल को हटाना होगा। लेकिन थीम मेकर ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद आयोजन समिति ने उन्हें हटाने का निर्णय लिया।

हटाने से किया इंकार 
क्लब के अध्यक्ष देवाशीष बंद्योपाध्याय ने बताया कि थीम मेकर को डिजाइन में तब्दीली करने को कहा गया था, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुए और आखिरकार हमने उन्हें हटाने दिया। इधर, थीम मेकर प्रदीप्त कर्मकार ने कहा कि सारी तैयारियां पूरी होने के बाद अचानक उन्हें बजट कम करने को कहा गया, जो उनके बस की बात नहीं थी, सो उन्होंने असहमति जाहिर करते खुद को अलग कर लिया।


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