दिल्ली में हुई दिलीप घोष की अहम बैठक, बंगाल भाजपा में सांगठनिक फेरबदल के साथ बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के संकेत
बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश भाजपा ईकाई में उपजे असंतोष और चुनाव बाद की परिस्थिति को लेकर चर्चा के लिए केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अहम बैठक हुई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश भाजपा ईकाई में उपजे असंतोष और चुनाव बाद की परिस्थिति को लेकर चर्चा के लिए केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अहम बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में दिलीप घोष ने प्रदेश इकाई में व्यापक संगठनात्मक फेरबदल के साथ पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने वाले बागी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए।
बागी नेताओं में ज्यादातर वे हैं, जो चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। खबर है कि बैठक के दौरान पार्टी के कुशल कार्यकर्ताओं और नेताओं को पुरस्कृत करके संगठन को नया रूप देने और स्थानीय व जिला स्तर के कई दलबदलुओं को हटाने का निर्णय लिया गया। चुनाव में हार, बढ़ती अंदरूनी कलह पर लगाम लगाना और नेताओं कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने के मद्देनजर ये कदम उठाए जाएंगे। इस संबंध में नड्डा ने घोष को महत्त्वपूर्ण दिशा- निर्देश दिए।
घोष ने बताया कि चुनाव बाद हिंसा समेत विभिन्न पहलुओं के बारे में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया। बताया गया कि यह बैठक नड्डा के आवास पर शाम पांच बजे शुरू हुई जो डेढ़ घंटे तक चली। दरअसल इस बैठक पर खासकर बंगाल भाजपा के नेताओं की नजरें टिकी हुई थी। नड्डा के बुलावे पर शनिवार रात में ही घोष दिल्ली गए थे। पहले यह बैठक रविवार को ही होनी थी लेकिन इसे सोमवार के लिए टाल दिया गया था।
'पार्टी अनुशासन से ऊपर कोई नहीं'
घोष ने आगे कहा- पार्टी अनुशासन से ऊपर कोई नहीं है। हम सभी को पार्टी के नियमों और अनुशासन का पालन करना होगा। उन्होंने साफ कहा कि पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने या काम करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कमेटी कार्रवाई कर सकती है। गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में भगवा खेमे के अंदर असंतोष के स्वर तेज हो गए हैं। सांसद सौमित्र खां, राजीब बनर्जी और यहां तक कि हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए बाबुल सुप्रियो जैसे कई नेताओं ने पार्टी के फैसलों के खिलाफ बात की है, जो पार्टी नेतृत्व को अच्छा नहीं लगा है। इसी के बाद अब पार्टी ने कार्रवाई के संकेत दिए हैं।