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दक्षिण भारत हिमालय की तलहटी में भविष्य में और अधिक बारिश की संभावना, आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं का दावा

आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने 1971 और 2017 के बीच 1930-70 की आधार अवधि के साथ लगभग पांच दशकों के भारतीय मानसून वर्षा के आंकड़ों का अध्ययन किया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 04:38 PM (IST)
दक्षिण भारत हिमालय की तलहटी में भविष्य में और अधिक बारिश की संभावना, आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं का दावा
दक्षिण भारत हिमालय की तलहटी में भविष्य में और अधिक बारिश की संभावना, आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं का दावा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भारत में ‘मानसून पैटर्न’ बदल रहा है और इससे दक्षिण भारत तथा हिमालय की तलहटी में भविष्य में अधिक बारिश होने की संभावना है। आइआइटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं के एक दल ने यह दावा किया है। संस्थान की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, शोधकर्ताओं ने 1971 और 2017 के बीच 1930-70 की आधार अवधि के साथ लगभग पांच दशकों के भारतीय मानसून वर्षा के आंकड़ों का अध्ययन किया। उसने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी और मध्य भागों की तुलना में दक्षिण भारत में भारी बारिश देखी गई है। 

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औद्योगिक और कृषि दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद अध्‍ययन

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर राजीब मैती ने कहा कि हमारा विश्लेषण दक्षिण एशिया में वर्षा की अधिकता अब दक्षिणवर्ती हिस्से में होने का इशारा करता है। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि यह अध्ययन औद्योगिक और कृषि दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद होगा। यह अध्ययन ‘नेचर पब्लिशिंग ग्रुप’ की पत्रिका ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में हाल ही में प्रकाशित हुआ था।

30 अगस्त तक भारत में मानसून की वर्षा में गिरावट दर्ज

बारिश के पैटर्न में हो रहा बदलाव, कहीं एक महीने के भीतर ही हो जा रही पूरे मानसून सीजन की वर्षा

-भारत में 1950 से ही धीरे-धीरे मानसून में होने वाली बारिश घट रही है। इस दौरान होने वाली वर्षा बहुत विषम रही, क्योंकि अधिकतर बारिश एक छोटी अवधि के लिए हुई। 2019 में हुए भारी बारिश 1901 के बाद हुई सबसे अधिक वर्षा थी। 30 अगस्त तक मानसून की वर्षा का दशांश औसत यह बताता है कि भारत में मानसून की कुल वर्षा में गिरावट दर्ज की गई है। 

सीजन में औसतन 40.4 दिनों में 50 फीसद बारिश रिकॉर्ड 

1 जून से 30 सितंबर तक की अवधि को भारत में मानसून सीजन के तौर पर जाना जाता है। कुल वर्षा में हो रही गिरावट हमें एक अन्य ट्रेंड के बारे में बताता है। दरअसल, हमें पता चलता है कि मानसून सीजन के उन दिनों में गिरावट हो रही है, जिसमें सीजन की आधी बारिश रिकॉर्ड की जाती है। पिछले दशक में 122 दिनों के मानसून सीजन में औसतन 40.4 दिनों में 50 फीसद बारिश रिकॉर्ड की गई। 

75 फीसद बारिश 70.6 व 90 फीसदी 94.3 दिनों में रिकॉर्ड

वहीं, 75 फीसद बारिश 70.6 दिनों में और 90 फीसदी बारिश 94.3 दिनों में रिकॉर्ड की गई। इस तरह लंबी अवधि के दौरान होने वाली बारिश में भी कमी देखी गई। इन आंकड़ों के पता चल रहा है कि औसतन बारिश का सीजन जल्द खत्म हो रहा है। देश में क्षेत्रीय स्तर पर भी मानसून की बारिश में असमानता का पता चलता है।


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