देश सेवा में निरंतर अहम भूमिका निभा रहा आइआइइएसटी : डा. वासुदेव के आत्रे
आइआइइएसटी शिवपुर के छठे दीक्षा समारोह में 970 विद्यार्थियों को मिली उपाधि - इलेक्ट्रानिक और दू
आइआइइएसटी, शिवपुर के छठे दीक्षा समारोह में 970 विद्यार्थियों को मिली उपाधि
- इलेक्ट्रानिक और दूरसंचार अभियांत्रिकी विभाग की छात्रा श्वेता अग्रवाल को भारत के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक
- गणित विभाग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली प्रत्युषा दत्ता को गणेश चंद्र मेमोरियल मेडल
जागरण संवाददाता, हावड़ा : भारतीय अभियांत्रिकी विज्ञान व प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइइएसटी), शिवपुर में शुक्रवार को छठा वार्षिक दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (भारत सरकार) के पूर्व महानिदेशक, रक्षा मंत्रालय के पूर्व वैज्ञानिक सलाहाकार व आइआइइएसटी, शिवपुर के बोर्ड आफ गर्वनर्स के चेयरपर्सन डा. वासुदेव के आत्रे ने कहा, मैं स्नातक कर चुके सभी विद्यार्थियों को पेशेवर जीवन के सुनहरे प्रारंभ की बधाई देता हूं। 163 साल पुराना यह संस्थान निरंतर देश की सेवा में अपनी अहम भूमिका निभाता आया है। कहा, हम अब उस दौर में जी रहे हैं, जहां विज्ञान व प्रौद्योगिकी मानव समाज के अहम हिस्से बन गए हैं। विज्ञान व तकनीक अब उस इंजन का स्थान ले चुके हैं, जिनका किसी भी देश के विकास व संवृद्धि में उल्लेखनीय भूमिका होती है। वहीं देश की आय वृद्धि में भी अब इनका अहम योगदान है। चेयरपर्सन ने कहा, मानव समाज पर विज्ञान व तकनीक का बेहद गहरा प्रभाव है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर इंटर कनेक्टिविटी, रोबोट व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, माइक्रो व नैनो टेक्नोलाजी ने विश्व स्तर पर मानव जीवन को बदल दिया है। कहा, सदी के मध्य तक चांद पर और अंत तक मंगल ग्रह पर मानव बस्ती की मानवीय परिकल्पना वास्तविक रूप अख्तियार करेगी। उन्होंने छात्रों से देश व समाज के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाने की अपील की। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि डीएई होमी भाभा के अध्यक्ष, प्रोफेसर, भारतीय परमाणु उर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं परमाणु उर्जा विभाग (भारत सरकार) के पूर्व सचिव डा. शेखर बसु ने साल 1968 के उस वाकये को याद किया, जब वह आइआइइएसटी में साक्षात्कार के लिए आए थे। कहा, आइआइइएसटी राष्ट्रीय निर्माण में विश्व स्तरीय तकनीक के सृजन में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने कालेज से पास आउट हुए छात्रों से स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रीत करने की अपील की। वहीं आइआइइएसटी, शिवपुर के निदेशक डा. पार्थसारथी चक्रवर्ती ने अपने स्वागत भाषण में समारोह की विस्तृत जानकारी देते हुए कहे कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 26 शोध कार्य हेतु संस्थान को 33.56 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। वहीं साल 2019-20 के लिए नए 24 शोध कार्य के लिए 10.77 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। निदेशक ने छात्रों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि इस दिन समारोह में 970 विद्यार्थियों को उपाधि से सम्मानित किया गया। दस विभागों के कुल 511 स्नातक के विद्यार्थियों, 22 अलग-अलग कार्यक्रमों के 318 स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों, पांच पाठ्यक्रमों के 45 दोहरी (डबल) उपाधि के विद्यार्थियों व शोध के 96 विद्यार्थियों को उपाधि व पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विभिन्न विभागों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 43 विद्यार्थियों को पदक सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर अभियांत्रिकी विभागों के सभी 10 स्नातक के विद्यार्थियों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली इलेक्ट्रानिक और दूरसंचार अभियांत्रिकी विभाग की छात्रा श्वेता अग्रवाल को 'भारत के राष्ट्रपति स्वर्ण' पदक से सम्मानित किया गया। वहीं गणित विभाग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा प्रत्युषा दत्ता को उनकी इस उपलब्धि के लिए गणेश चंद्र मेमोरियल मेडल प्रदान किया गया। जबकि नौ ऐसे विद्यार्थी, जिन्होंने अपने-अपने विभागों में या किसी एक विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं, को एंडोमेंट मेडल प्रदान किया गया।