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डीए की मांग को लेकर शुरू हुई भूख हड़ताल 44वें दिन खत्म, सरकारी कर्मचारियों ने कहा- जारी रहेगा आंदोलन

44 दिनों के बाद बकाया महंगाई भत्ते (डीए) की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। हालांकि उन्होंने कहा कि डीए की मांग को लेकर उनका आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा। फाइल फोटो।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Sat, 25 Mar 2023 07:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 07:38 PM (IST)
डीए की मांग को लेकर शुरू हुई भूख हड़ताल 44वें दिन खत्म, सरकारी कर्मचारियों ने कहा- जारी रहेगा आंदोलन
डीए की मांग को लेकर शुरू हुई भूख हड़ताल 44वें दिन खत्म। फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। 44 दिनों के बाद बकाया महंगाई भत्ते (डीए) की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि डीए की मांग को लेकर उनका आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा। आंदोलनकारियों ने भूख हड़ताल वापस लेने का कारण कर्मचारियों की बीमारी का हवाला दिया है।

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भूख हड़ताल से बीमार हो गए कई आंदोलनकारी

संग्रामी ज्वाइंट फोरम की ओर से तापस चक्रवर्ती ने कहा कि लंबी भूख हड़ताल के दौरान कई आंदोलनकारी बीमार हो गए है। कोई किडनी की समस्या से पीड़ित है तो कोई गैस्ट्रिक से। इसलिए कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डीए की मांग पर फिलहाल के लिए भूख हड़ताल स्थगित कर दी गई है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि वे बकाया डीए की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन करते रहेंगे।

10 फरवरी से लगातार शुरू हुई भूख हड़ताल

केंद्रीय दर पर डीए की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों के एक समूह ने सात फरवरी से धर्मतल्ला के शहीद मीनार मैदान में रिले भूख हड़ताल शुरू की थी। 10 फरवरी से लगातार भूख हड़ताल शुरू हुई। आंदोलनकारियों की मांग थी कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तब तक वे उठेंगे नहीं। आंदोलन में शामिल सरकारी कर्मचारियों के संगठन डीए पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की राह देख रहे थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में उस मामले की सुनवाई में देरी हुई।

उधर, हड़ताल व हड़ताल में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के शो काज अनुपस्थित रहने का कारण राज्य प्रशासन जानना चाहता है। हालांकि, सरकारी कर्मियों ने शनिवार को स्पष्ट कर दिया कि वे सरकार के 'दबाव' के सामने पीछे नहीं हट रहे हैं। संयुक्त मंच ने पहले ही उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कार्यक्रमों की घोषणा की है। अगले रविवार को संगठन की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को एक सामूहिक मेल भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सोमवार को एक सामूहिक मेल भेजा जाएगा। 30 मार्च को हावड़ा और सियालदह से दो महाजुलूस मार्च और महारैली बुलाई गई है। उस दिन शहीद मीना मैदान में सभा भी होगी। डीए आंदोलनकारी 10 और 11 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे।

डीए हड़ताल में शामिल कर्मियों का कटेगा एक दिन का वेतन

डीए को लेकर 10 मार्च को हुई हड़ताल के दिन अनुपस्थित रहने वाले सरकारी कर्मचारियों का एक दिन की छुट्टी के साथ वेतन भी काटा जाएगा। राज्य सरकार ने डीए बकाया की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इतना ही नहीं, कई कर्मचारियों का तबादला कोलकाता से जिले में कर दिया गया है।


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