हाईकोर्ट ने पूर्व माओवादी नेता छत्रधर को एनआइए की हिरासत में दिए जाने के अनुरोध को किया खारिज
एनआइए के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि इस मामले की मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई नहीं हो सकती। विशेष अदालत या हाईकोर्ट में हो सकती है इसलिए निचली अदालत से मिली जमानत को अविलंब खारिज किया जाए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की हिरासत में दिए जाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने हालांकि छत्रधर पर आगामी 24 मार्च तक बंगाल के बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी है। उसी दिन इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। एनआइए छत्रधर को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। इसी बाबत उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसपर विचार करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन और न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने छत्रधर से जुड़े मामले के सारे कागजात शुक्रवार को जमा करने को कहा है। उन्हें देखने के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि पिछले साल 22 सितंबर को छत्रधर समेत पांच लोगों को एनआइ की विशेष अदालत में पेश करके अपनी हिरासत में लेने के लिए आवेदन किया गया था, जिसपर अदालत ने कहा था कि चूंकि छत्रधर समेत पांचों को झारग्राम की निचली अदालत जामनत दे चुकी है इसलिए जमानत खारिज कराने के लिए वहीं आवेदन करना होगा। 2009 में राजधानी एक्सप्रेस में अपहरण व 2007 में माकपा नेता प्रबीर महतो की हत्या के मामले में एनआइए छत्रधर से पूछताछ करना चाहती है। एनआइए के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि इस मामले की मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई नहीं हो सकती। विशेष अदालत या हाईकोर्ट में हो सकती है इसलिए निचली अदालत से मिली जमानत को अविलंब खारिज किया जाए।