You for Ugly मामले में निलंबित शिक्षिका को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया फिर से नौकरी पर रखने का निर्देश
You for Ugly मामले में निर्देश-पुस्तक में शब्दों और चित्रों को छात्रों को समझाने के लिए यू अक्षर से अगली शब्द लिखा गया था। बंगाल सरकार ने पुस्तक को सिफारिश करने के आधार पर दो शिक्षिकाओं को किया था निलंबित।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पाठ्य पुस्तक में 'यू फॉर अगली' मामले में निलंबित शिक्षिका को फिर से नौकरी पर रखने का निर्देश दिया है। गत जून महीने में पूर्व बर्द्धमान जिले के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में अंग्रेजी वर्णमाला की पुस्तक में शब्दों और चित्रों को छात्रों को समझाने के लिए 'यू अक्षर से 'अगली (बदसूरत) शब्द लिखे होने का मामला प्रकाश में आया था। सरकार ने इस मामले में दो शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया था।
मामला पूर्व बर्द्धमान के म्युनिसिपल गर्ल्स स्कूल का
यह मामला पूर्व बर्द्धमान के म्युनिसिपल गर्ल्स स्कूल का है। यह घटना जब प्रकाश में आई थी तब अमेरिका में नस्लवाद पीड़ित जॉर्ज फ्लॉयड की मौत की सोशल मीडिया पर घोर निंदा हो रही थी। सरकार का कहना था कि इन्हीं शिक्षिकाओं की सिफारिश पर पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। इसके बाद छात्रों तथा अभिभावकों ने किताब को रद करने की मांग पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।
शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने दो शिक्षक किए थे बर्खास्त
अभिभावकों का कहना था कि इसका छात्रों की मानसिकता पर गलत असर पड़ेगा। तब मामले की अहमियत को समझते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने जल्दबाजी में पुस्तक को रद करने के साथ स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्राबनी मल्लिक के साथ एक और शिक्षिका बर्नाली घोष को बर्खास्त कर दिया था। सरकार का कहना था कि इन्होंने ही पुस्तक की सिफारिश की थी।
दोनों शिक्षिकाओं ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इसके बाद दोनों शिक्षिकाओं ने पृथक तरीके से कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के फैसले को चुनौती दी। न्यायाधीश अरिंदम मुखर्जी ने शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त करने के नोटिस को खारिज करते हुए बर्नाली घोष को फिर से नौकरी पर रखने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई में वकील गार्गी गोस्वामी ने दावा किया कि बर्नाली ने किसी भी तरह से किताब पढ़ाने की सिफारिश नहीं की थी। उन्हें इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
हाईकोर्ट ने कहा-बर्खास्तगी का नोटिस अस्वीकार
न्यायमूर्ति ने कहा कि पुस्तक को रूमा रॉय ने लिखा है। इसे वाणी प्रकाशन से प्रकाशित किया गया है। राज्य सरकार को तभी पुस्तक पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए था। इस मामले में पुस्तक की सिफारिश के लिए बर्नाली घोष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। इसलिए बोर्ड द्वारा जारी किए गए बर्खास्तगी के नोटिस को अस्वीकार किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने शिक्षिका को फिर से नौकरी पर रखने का निर्देश दिया।