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मुकुल को छह जून तक गिरफ्तार नहीं करने का हाईकोर्ट का निर्देश

रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में घिरे भाजपा नेता मुकुल राय को छह जून तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 04:01 PM (IST)
मुकुल को छह जून तक गिरफ्तार नहीं करने का हाईकोर्ट का निर्देश
मुकुल को छह जून तक गिरफ्तार नहीं करने का हाईकोर्ट का निर्देश

कोलकाता, जागरण संवाददाता। रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में घिरे भाजपा नेता मुकुल राय को छह जून तक गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया गया है। शुक्रवार को यह आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया है। इस पर मुकुल के अधिवक्ता परमजीत सिंह पाठवालिया ने कहा कि मुकुल राय और उनके साले सृजन राय के खिलाफ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने के आरोप में नौ मामला दर्ज हैं। ऐसा राजनीतिक बदले की भावना से किया गया है।

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मुकुल के खिलाफ साल 2012 में आरोप लगे थे, जब वो रेल मंत्री थे। पर मामला साल 2018 के मार्च में किया गया। वकील ने सवाल किया कि छह वर्षो तक पीडि़त क्या कर रहा था। जिसने नौकरी पाने के लालच में सृजन को 3.5 लाख रुपये दिया था वो कौन है। उसका अभिभावक कौन है। अगर नौकरी के लिए पीडि़त ने पैसा दिया भी होगा, तो वह भी तो अपराधी हुआ।

अधिवक्ता ने पुलिस की भी कड़ी आलोचना की। कहा, बंगाल पुलिस ने सृजन को 2018 के सात मई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। वहां से सीधे एयरपोर्ट ले गए और विमान पकड़ कर कोलकाता पहुंच गये। यहां बैरकपुर अदालत में पेश किया। पर पुलिस यह भूल गई कि उसकी यह प्रक्रिया भी गैरकानूनी है। क्योंकि आरोपित को बोलने का मौका देने के साथ ही उसे एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लेना पड़ता है।

अधिवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि साल 2017 के बाद से लगातार मुकुल राय के खिलाफ षड्यंत्र के तहत बीजपुर में कांग्रेस नेता की हत्या से लेकर पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष से संबंधों तक एक के बाद एक झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि मुकुल के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया है।

रेलवे के ग्रुप सी व ग्रुप डी की नौकरी देने का निर्णय रेलवे बोर्ड करती है। किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में यह अधिकार नहीं होता है। हालांकि एजी किशोर दत्त ने मुकुल के वकील की दलीलों का कड़ा विरोध किया। कहा, मुकुल के वकील को बंगाल के नक्शे की जानकारी ही नहीं है। वर्षो पहले रेल मंत्री रहते अबू गनी खान चौधरी की सिफारिश पर राज्य के लाखों युवक-युवतियों को नौकरी मिली थी। इसके लिए रेलवे की परीक्षा भी नहीं देनी पड़ी थी। गौरतलब है कि इसके पहले गत सात मई को भी मुकुल की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट रोक लगा चुकी है। 


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