हाईकोर्ट ने डीएम से प्रवासी श्रमिकों को केंद्र के गरीब रोजगार अभियान का लाभ दिलाने को कहा
हाईकोर्ट ने डीएम से प्रवासी श्रमिकों को केंद्र के गरीब रोजगार अभियान का लाभ दिलाने के लिए पत्र अग्रेषित करने को कहा
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुरुलिया के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को एक याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन पर गौर करने और प्रवासी श्रमिकों को केंद्र के गरीब कल्याण रोजगार अभियान में जिले को शामिल करने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को इसे अग्रेषित करने का निर्देश दिया है।
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान केंद्र सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए 20 जून को शुरू किए गए एक नौकरी योजना है। याचिकाकर्ता नेपाल महता ने दावा किया है कि पुरुलिया जिले में लगभग 39,000 प्रवासी श्रमिक अपने गांवों में लौट आए हैं और वे इस योजना के तहत लाने के पात्र हैं।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति एस दासगुप्ता की खंडपीठ के समक्ष कहा कि इस आवेदन को उचित चैनल के माध्यम से मंत्रालय तक पहुंचाना चाहिए।
दस्तूर ने यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट को किसी का भी संज्ञान लेना होगा। इस तरह की प्रार्थना अगर अधिकारी को अग्रेषित किया जाना आवश्यक लगता है, तो इसे ग्रामीण विकास या किसी अन्य मंत्रालय को अपेक्षित रिपोर्टों और टिप्पणियों के साथ किया जाना चाहिए।
डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया कि अगर याचिकाकर्ता पुरुलिया जिला मजिस्ट्रेट के सामने एक आवेदन दायर करता है जिसमें वह गरीब कल्याण अभियान में प्रवासी श्रमिकों को शामिल करने की मांग करता है, तो अधिकारी इसे देखेंगे और इसे अपेक्षित टिप्पणियों के साथ भारत सरकार के सक्षम अधिकारियों को अग्रेषित करेंगे।
बताते चलें कि केंद्र के गरीब कल्याण रोजगार अभियान में बंगाल का एक भी जिला शामिल नहीं है। इसको लेकर राज्य सरकार ने बहुत पहले ही सवाल उठाया था।