Move to Jagran APP

अमित शाह के बुलावे पर अचानक दिल्ली गए बंगाल के राज्यपाल, आज गृह मंत्री से कर सकते हैं मुलाकात

बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राजभवन में गणतंत्र दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। लेकिन अचानक रात में ही बोस दिल्ली के लिए रवाना हो गए। बोस आज दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghPublished: Fri, 27 Jan 2023 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2023 01:49 PM (IST)
अमित शाह के बुलावे पर अचानक दिल्ली गए बंगाल के राज्यपाल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गणतंत्र दिवस पर राजभवन में आयोजित एट होम रिसेप्शन व हाथेर खड़ी कार्यक्रम के तुरंत बाद गुरुवार रात में अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राज्यपाल आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर सकते हैं।

loksabha election banner

खबर है कि अचानक शाह के बुलावे पर राज्यपाल दिल्ली गए हैं, जिसको लेकर कई तरह की चर्चा है। कहा जा रहा है कि राज्यपाल बोस की कार्यशैली से बंगाल भाजपा के नेता खुश नहीं हैं। वहीं, गुरुवार को राज्यपाल की जुबान पर 'जय बांग्ला' के नारे को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

राजभवन में आयोजित हाथेर खड़ी कार्यक्रम (राज्यपाल के बांग्ला सीखने के लिए अक्षरभ्यास रस्म) में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में राज्यपाल बोस ने अपने भाषण के अंत में 'जय बांग्ला', जय हिंद के नारे लगाए थे। जय बांगला नारे को लेकर राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने कड़ी नाराजगी जताई है।

भाजपा का कहना है कि यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय नारा है और 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने इस नारे का यहां भाजपा के खिलाफ जमकर इस्तेमाल किया था।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि राज्यपाल की जुबान पर बांग्लादेश का 'जय बांग्ला' स्लोगन शोभा नहीं देता है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसमें राज्यपाल का कोई दोष नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल को बिना मतलब बताए सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह नारा राज्यपाल से कहलवाया है।

मुख्यमंत्री और अन्य टीएमसी मंत्रियों ने जैसा बताया है वैसे ही राज्यपाल ने नारे लगाए हैं। बता दें कि ममता इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं। राज्यपाल ने ममता की मौजूदगी में बांग्ला सीखने का अपना पहला पाठ किया।

आमंत्रित किए जाने के बावजूद राजभवन में कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए सुवेंदु

वहीं, आमंत्रित किए जाने के बावजूद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। सुवेंदु के अनुसार, हाथे खड़ी कार्यक्रम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षा क्षेत्र में घोटालों को छुपाने के लिए चालाकी से आयोजित किया गया।

घोटाले में शामिल पूर्व शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सलाखों के पीछे हैं। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि राज्यपाल को भविष्य में राज्य सरकार के इस तरह के चालाकी भरे कार्यक्रमों का हिस्सा बनने से सावधान रहना चाहिए। हाथेर खड़ी कार्यक्रम खत्म होने के तुरंत बाद शाम करीब सात बजे राज्यपाल बोस दिल्ली के लिए निकल गए।

वहीं, भाजपा खेमे में कई लोगों का दावा है कि हाथेर खड़ी कार्यक्रम को लेकर हुए विवाद के कारण उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। इसे लेकर यहां राजनीतिक हलकों में चर्चा गरम है। हालांकि राजभवन सूत्रों का कहना है कि उनके दिल्ली दौरे का खास कारण है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें खास तौर पर बुलाया है।

राज्यपाल बोले- 'मुझे बांगला भाषा से प्यार है'

वहीं, हाथे खड़ी कार्यक्रम में राज्यपाल बोस ने बांग्ला सीखने का अपना पहला पाठ करने के साथ समारोह में भाषा के प्रति अपना प्रेम और प्रशंसा प्रकट करते हुए बांग्ला में कुछ पंक्तियां भी बोले। राजभवन के लान में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, मैं बांग्ला सीखूंगा। बांग्ला एक प्यारी भाषा है। मुझे बंगाल से प्यार है। मैं बंगाल के लोगों से प्रेम करता हूं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राष्ट्रीय नेता, मेरे नायक हैं। जय बांग्ला। जय हिंद।

वहीं, इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं राज्यपाल को हमारी मातृभाषा में विशेष रुचि लेने के लिए बधाई देना चाहती हूं। हमें याद रखना चाहिए कि जब भी जहां भी रहें तो हमें स्थानीय भाषा सीखनी चाहिए। आज दुनिया में बंगाली भाषा का चलन काफी बढ़ा है। एशिया में ये भाषा दूसरे नंबर पर और दुनिया में ये पांचवें स्थान पर आती है, लेकिन हमें दूसरी भाषाएं भी सीखनी चाहिए क्योंकि भारत एकता और विविधताओं का देश है।

ममता ने इस दौरान याद किया कि कैसे महात्मा गांधी ने 1940 में बांग्ला सीखना शुरू किया था। उन्होंने कहा, यहां तक कि महात्मा गांधी के पोते और बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी भी बांग्ला सीखने के इच्छुक थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.