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Lockdown: बंगाल के हालात बहुत गंभीर है, ममता बनर्जी ध्यान देंः राज्यपाल

Lockdown अपने दूसरे ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि अपने बर्ताव में सुधार करें।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 06:34 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 07:24 PM (IST)
Lockdown: बंगाल के हालात बहुत गंभीर है, ममता बनर्जी ध्यान देंः राज्यपाल
Lockdown: बंगाल के हालात बहुत गंभीर है, ममता बनर्जी ध्यान देंः राज्यपाल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Lockdown: कोरोना संकट के बीच एक बार फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बंगाल सरकार के साथ टकराव बढ़ता जा रहा है। रविवार को राज्यपाल ने राज्य के गृहसचिव अलापन बनर्जी का एक पत्र को ट्विटर पर डालते हुए लिखा है कि हे भगवान हम कहां जा रहे हैं? सांसदों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के बाद गृह सचिव की प्रतिक्रिया ऐसी है। इस पर ममता बनर्जी क्या कहना चाहेंगी? यह कितनी विडंबना है कि एक व्यक्ति जो हजारों लोगों को खाना खिला सकता है, उसकी गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है और उसे घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। यह काफी गंभीर मामला है। इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। यह विभाजक दृष्टिकोण स्वीकार्य नहीं है।

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इसके बाद अपने दूसरे ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपील करता हूं कि अपने बर्ताव में सुधार करें। डॉक्टर सुभाष सरकार, जॉन बारला, अर्जुन सिंह और राजु बिष्ट ने अच्छा काम किया था जबकि ममता सरकार ने उनकी गतिविधियों को रोक दिया। इस तरह के गंभीर मुद्दों को छोड़ा नहीं जा सकता है। उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता मंत्री विधायकों को आम लोगों के बीच जाकर राहत सामग्रियां बांटने की छूट है, जबकि भाजपा सांसदों के घरों से निकलने पर भी पाबंदी लगायी गई है।

इसे लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजी है। हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है।

राज्यपाल के इस बयान के बाद राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने पलटवार करते हुए कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है।

वहीं, लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने भी कहा कि राज्यपाल को संवैधानिक मर्यादा के अनुरूप आचरण करना चाहिए। किसी पार्टी के नेता का पक्ष लेकर बयान नहीं देना चाहिए। उन्होंने संसद के आगामी सत्र में राज्यपाल धनखड़ के खिलाफ मुद्दा उठाने की भी बात कहीं। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल धनखड़ अभी पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्विटर के जरिए कई मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरते आ रहे हैं। शनिवार को उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में गड़बड़ी और लूट को लेकर भी राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सत्ताधारी दल के लोगों ने पीडीएस पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने इसमें बड़े घोटाले की आशंका जताई थी।

भाजपा सांसदों पर पुलिस की सख्ती और उन्हें हाउस अरेस्ट करने के मुद्दे पर राज्यपाल ने दो दिन पहले ट्वीट किया था। राज्यपाल ने राज्य सरकार के खिलाफ मुखर हुए थे।

दरअसल, भाजपा सांसद उत्तर बंगाल से सांसद डॉ सुभाष सरकार, जॉन बारला, राजू बिष्ट और बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह को घरों से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। उनके घर के बाहर पुलिस कर्मियों की तैनाती है। इसे लेकर राज्यपाल ने आपत्ति जतायी थी और कहा था कि भाजपा सांसदों के साथ राज्य सरकार का यह रवैया जनप्रतिनिधि कानून से परे है।

इसके जवाब में शनिवार को राज्य के गृह सचिव अलापन बनर्जी ने राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव एससी तिवारी को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें गृहसचिव ने स्पष्ट किया है कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ राज्यपाल की जो टिप्पणी है उस पर मैं यह ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं कि वर्तमान हालात में कानून के प्रावधानों के मुताबिक केवल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ही कानून का अनुपालन कराने के अधिकारी हैं। इसी चिट्ठी को रविवार को राज्यपाल ने ट्विटर पर डाला है। इसके बाद एक बार फिर विवाद बढ़ गया है।

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