West Bengal: गंगासागर मेले को लेकर लोगों में उत्साह भी, घबराहट भी, तेजी से संक्रमण फैलने का डर
पतित पावनी गंगा और जल सम्राट सागर के मिलन स्थल पर स्थित बंगाल का छोटा सा सागर द्वीप। पूरी दुनिया इसे गंगासागर के नाम से जानती है। कुछेक लाख की आबादी वाले इस द्वीप के लोग बड़े सीधे-सादे हैं। बाहरी दुनिया से ज्यादा मतलब नहीं।
विशाल श्रेष्ठ, गंगासागर : पतित पावनी गंगा और जल सम्राट सागर के मिलन स्थल पर स्थित बंगाल का छोटा सा सागर द्वीप। पूरी दुनिया इसे गंगासागर के नाम से जानती है। कुछेक लाख की आबादी वाले इस द्वीप के लोग बड़े सीधे-सादे हैं। बाहरी दुनिया से ज्यादा मतलब नहीं। 282.11 वर्ग किलोमीटर वाले सागरद्वीप में ही सिमटी हुई है उनकी जिंदगी। थोड़ी-बहुत खेती-बारी कर लेते हैं। कुछ लोगों की अपनी दुकान हैं तो कुछ मजदूरी करके गुजारा करते हैं। दैनिक जरुरत की चीजें मूड़ी गंगा में चलने वाले बड़े लांच से द्वीप पर आ जाती है। बाहरी दुनिया से ज्यादा संपर्क नहीं होने के कारण कोरोना से अछूता रहा है सागरद्वीप। इक्का-दुक्का जो मामले देखे भी गए, वे अन्य राज्यों से लौटे श्रमिकों की वजह से थे। वे भी अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
गौर करने वाली बात यह है कि दक्षिण 24 परगना जिला, जिसके दायरे में यह द्वीप आता है, कोरोना से अच्छा-खासा प्रभावित रहा है। जिस समय कोरोना का इस जिले में जबर्दस्त प्रभाव था, उस वक्त भी यहां के लोग बेफिक्र घूम-फिर रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि चारों तरफ से पानी से घिरे उनके देस में बाहर से कोई आने वाला नहीं है। पूरी दुनिया को आतंकित कर रुखसत हुआ 2020 यहां के लोगों को डरा नहीं पाया लेकिन नया साल गंगासागरवासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। कारण, हिंदुओं की आस्था के महापर्व मकर संक्रांति पर यहां लगने वाला सागर मेला। इस मेले में देश-दुनिया से लाखों की तादाद में श्रद्धालु उमड़ते हैं। वे गंगासागर में पुण्य डुबकी लगाने के बाद कपिल मुनि मंदिर आकर दर्शन-पूजन करते हैं और सागर मेला घूमकर लौट जाते हैं। दशकों से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।
कोरोना के साए में इस बार सागर मेला लगने जा रहा है। पिछले वर्षों की तुलना में भीड़ कम होने के आसार जरूर हैं, लेकिन बिल्कुल नहीं होगी, यह सोचना बेमानी होगी। बंगाल की ममता सरकार कोरोना को लेकर सतर्क है और सागर मेले को लेकर तमाम सुरक्षा उपाय भी कर रही है लेकिन वे कितने फुलप्रूफ होंगे, इसे लेकर स्थानीय वाशिंदों में संशय है, हालांकि वे यह भी नहीं चाहते कि सागर मेले का आयोजन न हो क्योंकि यह उनके लिए बंगाल की दुर्गापूजा से भी बड़े उत्सव जैसा है और कमाई का समय भी इसलिए उत्साह और घबराहट दोनों ही है।
गंगासागर के रूद्रनगर इलाके के रहने वाले समीर माइती ने कहा-'सागर मेला लगेगा तो भीड़ उमड़ेगी ही। सरकार की तरफ से व्यवस्था तो की जा रही है लेकिन क्या लाखों की भीड़ होने पर उसे संभालना संभव हो पाएगा? देश-दुनिया से यहां आने वाले लोग कहीं हमें कोरोना का मर्ज देकर न जाएं? सबसे ज्यादा डर तो कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर है।' सागर मेले में गर्म कपड़ों की दुकान लगाने वाले शंकर बागची ने कहा-'डर लगना स्वाभाविक है क्योंकि देश के कोने-कोने से लोग आएंगे लेकिन सागर मेला हमारे लिए आय का अवसर भी लेकर आता है इसलिए जोखिम तो उठाना ही पड़ेगा।'
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी डॉ. पी. उलागानाथन का कहना है कि कोरोना महामारी को देखते हुए खास सावधानियां बरती जा रही हैं। सागर मेले के लिए कोविड मैनेजमेंट स्टिम तैयार किया गया है। गंगासागर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों का प्रवेश स्थलों पर कोरोना परीक्षण किया जाएगा। जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। काकद्वीप, डायमंड हार्बर और जोका में कोविड अस्पताल हैं। गंगासागर के सभी प्रवेश केंद्रों पर सैनिटाइजिंग टनल भी लगाए गए हैं, जो अगले कुछ दिनों में काम करने लगेंगे। गंगासागर पहुंच चुके साधु-संतों में मास्क वितरित किए गए हैं।
सागर मेला को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका
सागर मेला परिसर को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में इसपर मंगलवार को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता अजय कुमार दे ने कहा कि सागर मेला परिसर व कोलकाता के बाबूघाट इलाके को अदालत अगले एक महीने के लिए कंटेनमेंट जोन घोषित कर दे। गौरतलब है कि देश के कोने-कोने से कोलकाता पहुंचने वाले श्रद्धालु बाबूघाट होकर ही गंगासागर का रूख करते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गंगासागर दौरा रद
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना महामारी को देखते हुए गंगासागर नहीं जाएंगी। उन्होंने राज्य के लोगों से भी इस बार गंगासागर नहीं जाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री के आठ व नौ जनवरी को गंगासागर में रहकर तैयारियों का मुआयना करने का कार्यक्रम था। इससे पहले सात जनवरी को वह नामखाना में सागर मेले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक भी करने वाली थीं। मुख्यमंत्री के ये सारे कार्यक्रम रद कर दिए गए हैं।