Gangasagar Fair 2021: गंगासागर मेला- मकर संक्रांति पर ई-स्नान को प्रोत्साहित कर रही ममता सरकार
घर में ही पुण्य स्नान के लिए कूरियर से भेजा जा रहा गंगासागर का पवित्र जल जगह-जगह किआस्क खोलकर भी निःशुल्क किया जा रहा वितरित। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए ममता सरकार मकर संक्रांति पर ई-स्नान को प्रोत्साहित कर रही है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए ममता सरकार मकर संक्रांति पर ई-स्नान को प्रोत्साहित कर रही है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन इसमें जोर-शोर से जुटा हुआ है। जिला प्रशासन की वेबसाइट पर गंगासागर के पवित्र जल के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने वालों को कूरियर से जल भेजा जा रहा है। मकर संक्रांति के दिन लोग गंगासागर के जल को सिर पर छिड़क सकते हैं या इसे दूसरे जल में मिलाकर इससे स्नान कर सकते हैं यानी गंगासागर गए बिना भी वे वहां के पुण्य जल से स्नान कर पाएंगे।
जल को पीतल के लोटे में भरकर एक बक्से में अच्छी तरह से पैक करके भेजा जा रहा है। पैक करने से पहले इस जल को कपिल मुनि मंदिर में चढ़ाया भी जा रहा है। गंगासागर के जल के लिए कोई शुल्क नहीं है, हालांकि डिलीवरी चार्ज के तौर पर 150 रुपये लिए जा रहे हैं। मकर संक्रांति वाले दिन लोगों को गंगासागर जाने की जरूरत न पड़े इसलिए गंगासागर के रास्ते में जगह-जगह किआस्क तैयार किए जा रहे हैं, जहां से निःशुल्क गंगासागर का जल वितरित किया जाएगा।
जिला प्रशासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक पांच से सात हजार घरों में गंगासागर का जल कूरियर के माध्यम से भेजा जा चुका है। आने वाले दिनों में कई और हजार लोगों के घरों में जल भेजा जाएगा आवेदन करने वालों के पास जल्द से जल्द गंगासागर का जल भेजने की व्यवस्था की जा रही है। ई-स्नान घर पर मोबाइल एप पर गंगासागर तट का लाइव कवरेज देखते हुए अन्य जल से भी किया जा सकता है। दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन की तरफ से इस बाबत मोबाइल एप लांच किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट गंगासागर में मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान की अनुमति देने पर 13 जनवरी को फैसला सुनाएगा। गत शुक्रवार को इस मामले पर हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन की पीठ ने गंगासागर मेले में कोरोना से सुरक्षा को लेकर ममता सरकार की तरफ से किए गए इंतजाम पर प्राथमिक तौर पर संतोष जताया, लेकिन अपने निर्णय को सुरक्षित रखा है। साथ ही राज्य सरकार को ई-स्नान को प्रोत्साहित करने पर जोर देने को भी कहा।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी सवाल किया था कि राज्य सरकार ई-स्नान को बाध्यतामूलक क्यों नहीं कर रही? सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रचार अभियान चलाए। अजय कुमार दे नामक शख्स ने गंगासागर मेले का आयोजन रोकने के लिए हाईकोर्ट में मामला किया है। उन्होंने गंगासागर मेला परिसर को 'कंटेनमेंट जोन' घोषित करने की अदालत से अपील की है।