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पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को जादवपुर विवि से मिली डीलीट की उपाधि

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि मुक्त सोच और विचारों का आदान-प्रदान वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने में सहायक है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 25 Dec 2017 11:26 AM (IST)Updated: Mon, 25 Dec 2017 11:26 AM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को जादवपुर विवि से मिली डीलीट की उपाधि

कोलकाता, [राज्य ब्यूरो]। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि मुक्त सोच और विचारों का आदान-प्रदान वैज्ञानिक स्वभाव पैदा करने में सहायक है। इससे युवाओं में जिज्ञासा की भावना पैदा होती है। इसलिए युवा छात्रों में स्वतंत्र विचार व्यक्त करने की प्रवृति बढ़ानी जरूरी है।

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मुखर्जी रविवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के 62 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने विश्व विद्यालय के शैक्षणिक गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान का समाज और उसके लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न गतिविधियों में भागीदारी सराहनीय है। मुखर्जी को जादवपुर विश्र्वविद्यालय के 62 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में डॉक्टर ऑफ लिटरेचर ( डीलीट) की उपाधि प्रदान की गई। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि समग्र शिक्षा एक व्यक्ति को अच्छा इंसान बनाती है।

एक अच्छी शिक्षा प्रणाली वह है जो एक व्यक्ति को सामाजिक प्रक्रिया के साथ सक्षम बनाती है। भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को अपने नागरिकों के विकास की आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए और एक शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ तुलना करना चाहिए। उच्च शिक्षा क्षेत्र को वैश्रि्वक शिक्षा क्षेत्रों के साथ तुलनामूलक बनाना होगा। वैश्रि्वक मान्यता प्राप्त करने के लिए संस्थाओं को गुणवत्ता व अनुसंधान कार्य पर बेहतर जोर देने की जरूरत है। इच्छुक विश्र्वविद्यालयों को दुनिया भर में लोगों और आदशरें की गतिशीलता को प्रोत्साहित करना चाहिए। दुनिया के दृष्टिकोण को अपनाने से उच्च शिक्षा के वैश्रि्वक समुदाय द्वारा स्वीकार किए जाने वाले संस्थानों को मदद मिलेगी। 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति केसरीनाथ त्रिपाठी ने इस अवसर पर छात्रों को अपने ज्ञान को व्यावहारिक उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमें उच्च शिक्षा की संस्था से एक डिग्री को याद रखना चाहिए। उसे शिक्षा ग्रहण का अंत नहीं समझना चाहिए। शिक्षा के व्यवहारिक उपयोग के लिए ज्ञान देना होगा। 

विश्वविद्यालय की स्थापना का संक्षिप्त इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कुलपति प्रो सुरंजन दास ने कहा कि जेयू ने उत्कृष्टता प्राप्त करने में हमेशा कड़ी मेहनत की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग पर राज्य विश्र्वविद्यालयों में जेयू ने महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।


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