राज्यपाल के समर्थन मे आए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति
श्री गांगुली ने बताया कि किसी के द्वारा सवाल पूछना मुख्यमंत्री को सहन नही होता है, जो सवाल पूछता है उसे माओवादी कह देती है।
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के बीच चले रहे खीचतान और आरोप-प्रत्यारोप के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृला न्यायमूर्ति अशोक गांगुली भी राज्यपाल के समर्थन मे उतर आए है।
गुरुवार को श्री गांगुली ने बताया कि किसी के द्वारा सवाल पूछना मुख्यमंत्री को सहन नही होता है, जो सवाल पूछता है उसे माओवादी कह देती है। गनीमत यह रही की राज्यपाल के सवाल पूछने पर सीएम ने उन्हे भी माओवादी नही कह दिया। कहा कि बशीरहाट के बादुडि़या मे कानून व्यवस्था बिगड़ने पर राज्यपाल का मुख्यमंत्री से सवाल पूछना स्वभाविक था। लेकिन इस प्रश्न से सीएम खिन्न हो गई।
राजनीति के विशेषज्ञ कह रहे है कि ममता बनर्जी ने राज्यपाल को माओवादी तो नही कहा लेकिन भाजपा का ब्लाक अध्यक्ष तो कह ही दिया। पार्टी मुखिया ने सुर गरम किए तो तृणमूल नेताओ ने मर्यादा लांघ कर राज्यपाल को आरएसएस का एजेट तथा राजभवन को आरएसएस का कार्यालय ही बता दिया था।
श्री गांगुली के अनुसार राजनीति मे आने के बाद कोई भी नेता राज्यपाल पर जुबानी हमला बोल सकता है इसकी कल्पना संविधान बनाने को थी लेकिन ऐसे लोगो के खिलाफ उन्होंने संविधान मे सजा का कोई प्रावधान नही किया था।