कोरोना की तीसरी लहर को लेकर किसी ने बढ़ाए बेड तो किसी ने तैयार किया स्पेशल टास्क फोर्स
आमरी ग्रुप आफ हास्पिटल के ग्रुप सीईओ ने कहा कि हमने एक बाल चिकित्सा कोविड टास्क फोर्स का गठन किया है जो कि थर्ड वेव की आशंका के मद्देनजर तत्पर रहेगी। बाल चिकित्सा कोविड देखभाल के मुख्य केंद्र के रूप में पहचाना गयाक्योंकि हमारे पास अत्याधुनिक पीकू और नीकू है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोरोना वायरस के थर्ड वेव की संभावना के मद्देनजर अनेकों तैयारी की जा रही है। राज्य में भी सरकारी अस्पतालों में पेडियाट्रिक यूनिट तैयार रखने के लिए कहा गया है। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को भी अपने कोविड यूनिट तैयार रखने को कहा है।
आईएलएस ग्रुप आफ हास्पिटल के उपाध्यक्ष देवाशिष धर ने कहा कि हम अपनी नर्सों को भी विशेष तौर पर प्रशिक्षित कर रहे हैं। नीकू व पीकू की वर्तमान प्रशिक्षित नर्सें ही अन्य नर्सों को प्रशिक्षण दे रही हैं। इसके अलावा नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (नीकू) व पेडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीकू) को हमने तैयार कर रखा है।
पीयरलेस अस्पताल के सीईओ सुदीप्त मित्रा ने कहा कि दूसरी लहर ने हमें समय में अंतराल की पहचान करना सिखाया है। हमारे पास नीकू यूनिट हैं। ऐसे में हम पूरी तरह से थर्ड वेव के लिए तैयार हैं।
आमरी ग्रुप आफ हास्पिटल के ग्रुप सीईओ रूपक बरुआ ने कहा कि हमने एक बाल चिकित्सा कोविड टास्क फोर्स का गठन किया है, जो कि थर्ड वेव की आशंका के मद्देनजर तत्पर रहेगी। हमारी मुकुंदपुर इकाई को बाल चिकित्सा कोविड देखभाल के मुख्य केंद्र के रूप में पहचाना गया है, क्योंकि हमारे पास एक अत्याधुनिक पीकू और नीकू है।
दिशन हास्पिटल के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर तापस मुखर्जी ने कहा कि हमारे पास पेडियाट्रिक इकाई की परेशानी है। हालांकि हम कोशिश कर रहे हैं कि थर्ड वेव की संभावना के मद्देनजर अपने एक बिल्डिंग के एक तल्ले को इसके लिए तैयार करें। इसके लिए हम पूरे प्रयास कर रहे हैं। सब कुछ सही रहा तो हम पेडियाट्रिक के लिए अलग इकाई तैयार कर लेंगे।
30 हजार बच्चे पहले ही हो चुके हैं संक्रमित
सरकारी अस्पतालों में बाल चिकित्सा कोविड सुविधाओं को पुनर्जीवित करने की एक व्यापक योजना के बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने निजी अस्पतालों को तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर अपनी बाल चिकित्सा इकाइयों को तैयार रखने का निर्देश दिया है।
पेडियाट्रिशियन डाक्टर लोकेश पाण्डेय ने कहा कि एक सर्वे में मिला था कि 50 प्रतिशत बच्चों की पहले ही एंटीबाडी पाजिटिव मिल चुकी है। सितंबर के अंत या अक्टूबर के शुरुआती दौर में थर्ड वेव के आने की संभावना एक्सपर्ट जता रहे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक रहकर इसका मुकाबला करना होगा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सितंबर-अक्टूबर तक तीसरी लहर आ सकती है और बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो सेकेंड वेव में ही अब तक 30 हजार के करीब बच्चे पा जिटिव मिल चुके हैं। हालांकि 50प्रतिशत से अधिक घर पर ही ठीक हो गए।