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फ्लोराइड लेवल की जांच अब चुटकियों में, एक बार की जांच में 10 रुपये खर्च

सीएमईआरआइ दुर्गापुर के वैज्ञानिकों ने सस्ती-कारगर फ्लोराइड डिटेक्शन किट विकसित की है। इससे शरीर में फ्लोराइड की मात्र जांचना आसान हो जाएगा और खर्च होंगे सिर्फ 10 रुपये।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 02:35 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 02:35 PM (IST)
फ्लोराइड लेवल की जांच अब चुटकियों में, एक बार की जांच में 10 रुपये खर्च

दुर्गापुर, हृदयानंद गिरि। सीएमईआरआइ, दुर्गापुर के वैज्ञानिकों ने सस्ती-कारगर फ्लोराइड डिटेक्शन किट विकसित की है। इससे शरीर में फ्लोराइड की मात्र जांचना आसान हो जाएगा और खर्च होंगे सिर्फ 10 रुपये। फ्लोराइडयुक्त पानी वाले इलाकों के लिए इसे उपयोगी माना जा रहा है।

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दुर्गापुर (बंगाल) स्थित केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूय, सीएमईआरआइ) ने तीन संस्थाओं प्रौद्योगिकी सौंप दी है। आमजन के लिए यह किट जल्द उपलब्ध होगी। झारखंड और बंगाल सहित देश के कई इलाकों में लोग भूजल में घुले खतरनाक रसायन फ्लोराइड से परेशान हैं। यह ऐसा घातक रसायन है, जो इंसान के शरीर में पहुंचकर धीमे जहर की तरह हड्डियों और अन्य अंगों को बेकार करता चला जाता है।

फ्लोराइड प्रभावित इलाकों में सैंकड़ों लोग इसे दुष्प्रभाव से अपाहिज हो चुके हैं। ऐसे में सीएमईआरआइ के वैज्ञानिकों ने यह फ्लोराइड डिटेक्शन किट तैयार की है, जो घर बैठे ही पल भर में बता देगी कि शरीर में फ्लोराइड की मात्र कितनी है। इसके बढ़े होने की दशा में व्यक्ति तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले सकेगा।तीन साल के गहन शोध और कई परीक्षणों के बाद यह किट बन सकी है।

संस्थान ने किट बनाने की प्रौद्योगिकी तीन कंपनियों को दी है, जो अब सस्ती और सुविधाजनक किट आमजन को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगी। एक पैकेट में दो किट उपलब्ध होंगी। पैकेट की कीमत महज 20 रुपये होगी। यानी एक बार की जांच में 10 रुपये खर्च आएगा।

थूक का रंग हो जाए गहरा नारंगी तो खतरा है :

संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. प्रियव्रत बनर्जी ने बताया कि सामान्य तौर पर शरीर में फ्लोराइड की मात्र की जांच के लिए खून और मूत्र का प्रयोग होता है। उसे पैथॉलाजी लैब भेजा जाता है। वहां खून या मूत्र में मौजूद फ्लोराइड की मात्र का कई प्रकार के परीक्षण के बाद आकलन होता है। अब इस किट के जरिये घर बैठे जांच हो सकेगी।

किट में कांच की दो छोटी शीशी हैं। एक में विशेष प्रकार का रसायन होता है, वहीं दूसरी शीशी खाली होती है। शरीर में फ्लोराइड की मात्र की जांच करने के लिए थूक का कुछ हिस्सा खाली शीशी में लेना होगा। इसके बाद दूसरी शीशी में मौजूद रसायन उसमें डालकर कुछ देर हिलाने के बाद परिणाम रंग के रूप में सामने आ जाएगा। मिश्रण यदि गहरे नारंगी रंग में तब्दील हो जाए तो समझ जाएं कि शरीर में सामान्य से ज्यादा फ्लोराइड है। किट के साथ एक स्केल भी मिलता है जो रंग के आधार पर बताता है कि फ्लोराइड की मात्र मानक से कितनी कम या ज्यादा है।

20 राज्य प्रभावित हैं समस्या से :

देश के 20 राज्यों के लोग फ्लोराइडयुक्त भूजल की समस्या से जूझ रहे हैं। शरीर में फ्लोराइड की मात्र बढ़ते जाने पर इंसान के दांत टेढ़े-मेढ़े और खराब हो जाते हैं, हड्डियां टेढ़ी होने के साथ ही कमजोर भी हो जाती हैं। इंसान चलने-फिरने में लाचार हो जाता है। फ्लोराइड की जांच से लोग पानी के शुद्धीकरण या फ्लोराइडयुक्त पानी के त्याग जैसे समाधान पर आसानी से विचार कर सकेंगे। 


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