बंगाल निकाय चुनाव में हिंसा की आशंका , प्रचार से कतरा रहे भाजपा के स्थानीय नेता
भाजपा के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता अभी भी सहमे हुए हैं। निकाय चुनाव में वे प्रचार करने से कतरा रहे हैं। निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई भाजपा नेताओं की बैठक में यह गंभीर मुद्दा उभर कर सामने आया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई भारी हिंसा का खौफ निकाय चुनाव में भी देखने को मिल रहा है। भाजपा के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता अभी भी सहमे हुए हैं। निकाय चुनाव में वे प्रचार करने से कतरा रहे हैं। निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई भाजपा नेताओं की बैठक में यह गंभीर मुद्दा उभर कर सामने आया है। हालांकि इसके बावजूद बैठक में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं से पूरे जोश के साथ बेखौफ मैदान में उतरने की अपील की है।
निकाय चुनाव को लेकर सोमवार तथा मंगलवार को कोलकाता में हुई बैठक में बंगाल के भाजपा नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष चुनाव बाद हिंसा का मुद्दा उठाया तथा कहा कि पार्टी के स्थानीय नेता तथा कार्यकर्ता अभी भी सहमे हुए हैं। वह चुनाव प्रचार करने से डर रहे हैं। उम्मीदवारों ने कहा कि इसके कारण प्रचार के लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिल रहा है। हालांकि इसके बावजूद बैठक में भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख तथा बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने पार्टी प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं से पूरे जोश के साथ बेखौफ मैदान में उतरने की अपील की है।
मालवीय ने बूथवार पोलिंग एजेंटों की सूची 10 दिसंबर तक सौंपने को कहा। उनके निर्देशों को सुनने के बाद पार्टी उम्मीदवारों ने कहा कि यदि 10 दिसंबर के भीतर पोलिंग एजेंटों की सूची तैयार की जाती है, तो अगले दिन से ही उन्हें तृणमूल कांग्रेस की ओर से विभिन्न तरीकों से परेशान करने के साथ धमकाया जाएगा। दूसरी ओर तृणमूल नेतृत्व ने अपनी पार्टी के खिलाफ हिंसा के आरोपों को खारिज कर दिया है। तृणमूल प्रवक्ता तापस राय ने कहा कि तृणमूल डर दिखाने क्यों जाए? भाजपा को कार्यकर्ता नहीं मिल रहे हैं। इसलिए वे ऐसा कह रहे हैं।