महिला की लाश के साथ दो दिन तक फ्लैट में रहे बाप-बेटी, छह माह पहले भी बेटे की मिली थी लाश
पश्चिम बंगाल के बेहाला इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है।तीन दिनों तक वृद्धा की लाश के साथ उसका पति और बेटी कमरे में बंद रहे। लाश से दुर्गध आने पर लोगों को संदेह हुआ।
कोलकाता, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के बेहाला इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है बेहला के सरसुना में तीन दिनों तक वृद्धा की लाश के साथ उसका पति और बेटी कमरे में बंद रहे। लाश से दुर्गध आने पर लोगों को संदेह हुआ। पुलिस ने फ्लैट से सड़ी गली अवस्था में लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बाप-बेटी मानसिक रूप से अस्वस्थ बताए गए हैं। करीब छह माह पहले भी बेटे की लाश इसी तरह घर से बरामद की गई थी। इस घटना ने रॉबिंसन स्ट्रीट में हुए घटना की याद ताजा कर दी।
सूत्रों के अनुसार बेहला के सरसुना थाना अंतर्गत राखाल मुखर्जी रोड स्थित एक आवासीय इमारत की तीसरी मंजिल के फ्लैट में रवींद्र नाथ चटर्जी (89) अपनी पत्नी छाया चटर्जी (82) और बेटी निलांजना चटर्जी के साथ रहते हैं। दंपति गंभीर रूप से बीमार थे जबकि बेटी मानसिक तौर पर अस्वस्थ थी। रविवार सुबह बेटी ने लोगों को जानकारी दी की उनकी मां बीमार है। जब लोग उसके फ्लैट में पहुंचे तो बेटी ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया। इसी बीच लोगों को फ्लैट के अंदर दुर्गध महसूस हुई।
स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने फ्लैट के अंदर से सड़ीगली अवस्था में वृद्धा छाया की लाश बरामद कर ली। हालांकि मौत के कारणों की जानकारी नहीं हो सकी है। पता चला कि वृद्धा की मौत करीब तीन दिन पहले हुई थी लेकिन इसकी सूचना दिए बगैर बाप-बेटी लाश के साथ ही रह रहे थे। यह चटर्जी परिवार किसी से बातचीत नहीं करता था। गत फरवरी में ऐसी ही अवस्था में वृद्धा के बेटे दिपांजन चटर्जी (56) की लाश सड़ीगली अवस्था में बरामद की गई थी। उस वक्त भी मां-बाप और बेटी ने लाश को घर में ही रख रखा था। पुलिस ने घटना की जांच शुरू करते हुए बाप-बेटी और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि परिवार गंभीर रुप से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। परिवार काफी गरीब है और समाज को इनकी मदद करने के लिए आगे आना होगा।