स्मृति ईरानी ने कहा- कृषि विज्ञान केंद्र के जरिए किसानों को मिलेगा प्रमाणित जूट बीज
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जूट उत्पादक देश है, उन्होंने कहा कि जूट उत्पादन से जुड़े किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराया जाना चाहिए।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को दावा किया कि कच्चे माल की गुणवत्ता में सुधार किया जाय तो भारत के पास विविध गुणवत्ता वाले जूट उत्पाद में बड़ा निर्यातक बनने की क्षमता है।
यह बताते हुए कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा जूट उत्पादक देश है, उन्होंने कहा कि जूट उत्पादन से जुड़े किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मुहैया कराया जाना चाहिए। हमें भी बांग्लादेश की तरह भारी मात्रा में बेहतर जूट का उत्पादन करने के लिए कार्य करना होगा। भारत में जूट के सबसे बड़े निर्यातक बनने की क्षमता है।
मचर्ेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआइ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में ईरानी ने कहा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रमाणित जूट बीज वितरित किए जाएंगे। साथ ही जूट की खेती में तकनीकी विकास किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि कृषि मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित किया है कि प्रत्येक कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से जूट किसानों को प्रमाणित बीज दिए जाएंगे।
उत्पादों के विविधीकरण पर दिया जोर
ईरानी ने कहा कि जूट उद्योग में कच्चे माल का पर्याप्त उत्पादन और उत्पादों के विविधीकरण की जरूरत है। जूट मिल मालिकों को सरकारी मांग पर निर्भरता कम कर जूट उत्पादों के विविधीकरण पर जोर देना चाहिए। बता दें कि वर्तमान में पटसन पैकिग सामग्री (जेपीएम) अधिनियम के तहत यह व्यवस्था है कि 90 फीसद खाद्यान्न तथा 20 फीसद चीनी उत्पादों की पैकिंग की जानी चाहिए। मंत्री ने कहा कि जेपीएम अधिनियम पर निर्भरता कम करना जरूरी है। ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को विविध जूट उत्पादों का सबसे बड़ा निर्यातक बनना चाहिए।
टीयूएफ के तहत 17,822 करोड़ मंजूर
प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष (टीयूएफ) योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हालिया आंतरिक मंत्री स्तरीय बैठक में लंबित मामले को उठाया गया और योजना के तहत मांगी गई 90 फीसद धनराशि वितरित की गई है। उन्होंने कहा कि 2022 तक के लिए सरकार ने प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष के तहत 17,822 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
घरेलू कॉटन को गलोबल ब्रांड बनाने की जरूरत
इस दिन ईरानी ने घरेलू कॉटन उद्योग को ग्लोबल ब्रांड बनाने की दिशा में प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने विदेशी बाजार में निर्यात करनेवालों को कॉटन की ब्रांडिंग के संबंध में प्रस्ताव पेश करने का सुझाव दिया। गौरतलब है अमेरिका, चीन या मिस्त्र की तरह भारतीय कॉटन का अपना कोई ब्रांड नहीं है। इसलिए बेहतर आमदनी करने में कॉटन उद्योग सफल नहीं हो पा रहा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कॉटन उद्योग को अच्छी गुणवत्ता वाले भारतीय कॉटन को वैश्रि्वक ब्रांड बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।