कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव के साल 2021 में इंटरनेट मीडिया पर फर्जी खबरों के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो देशभर में दर्ज हुए ऐसे मामलों का लगभग एक चौथाई है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। बंगाल में इंटरनेट मीडिया पर फर्जी खबरों के 43 मामले दर्ज हुए हैं। अकेले कोलकाता में ऐसे 28 मामले सामने आए हैं। गौरतलब है कि राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के समय इंटरनेट मीडिया का राजनीतिक दलों ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था। जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रमुख (जर्नलिज्म एवं मास कम्युनिकेशन) प्रोफेसर चट्टोपाध्याय ने कहा कि यह चिंता का विषय है लेकिन चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि लोगों तक पहुंचने के लिए अनैतिक राजनीतिक प्रचार का सहारा लिया जा रहा है। यह कानूनी मुद्दे से ज्यादा नैतिकता से जुड़ा मुद्दा है। नैतिक मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत है। लोगों को इस बाबत जागरुक करने के लिए कुछ प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन और भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोग फर्जी खबरों को भांप सके। इस मामले में बंगाल के बाद तेलंगाना का नाम है, जहां 34 मामले दर्ज हुए हैं। तीसरे स्थान पर 24 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश है। भारत में कुल मिलाकर ऐसे 179 मामले दर्ज हुए हैं। शहरों के आधार पर कोलकाता के बाद मुंबई और हैदराबाद के नाम हैं, जहां आठ-आठ मामले दर्ज हुए हैं। बंगाल में इंटरनेट मीडिया पर फर्जी खबरों के मामलों की बढ़ोतरी के लिए तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे पर इल्जाम लगाया है तृणमूल प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में भाजपा के उदय के साथ इंटरनेट मीडिया पर फर्जी खबरों की संख्या बढऩी शुरू हो गई थी। फर्जी खबरों की संस्कृति देश के दूसरे हिस्सों में थी। बंगाल एक अपवाद था लेकिन भाजपा के उदय के बाद यहां इसमें तेजी से वृद्धि हुई है। भाजपा ने केंद्र की सत्ता में आने के बाद इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को खरीदने की कोशिश की। दूसरी तरफ बंगाल भाजपा के इंटरनेट मीडिया प्रभारी उज्जवल पारीक ने कहा कि उनकी पार्टी ने इंटरनेट मीडिया पर हमेशा सकारात्मक अभियान चलाया था पिछले विधानसभा चुनाव के समय फर्जी खबरों के मामलों में वृद्धि के लिए तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। वहीं माकपा ने इसके लिए तृणमूल और भाजपा, दोनों को जिम्मेदार ठहराया है। माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा-'इस मामले में हमपर कोई उंगली नहीं उठा सकता क्योंकि हम नैतिकता का पालन करते हैं।Ó वहीं कोलकाता प्रेस क्लब के अध्यक्ष स्नेहाशीष सूर ने कहा कि पत्रकारों को कोई भी स्टोरी लिखने से पहले उनसे संबंधित सूचनाओं को कई बार परख लेना चाहिए।