विद्यासागर सेतु की नियमित देखरेख करेगी विशेषज्ञों की टीम
-एचआरबीसी तैयार कर रहा रैपीड एक्शन टीम -10 अक्टूबर 1992 से शुरू हुआ था वाहनों का आवागमन
-एचआरबीसी तैयार कर रहा रैपीड एक्शन टीम
-10 अक्टूबर 1992 से शुरू हुआ था वाहनों का आवागमन
जागरण संवाददाता, कोलकाता : हुगली नदी पर बने कोलकाता से हावड़ा को जोड़ने वाले विद्यासागर सेतु की देखरेख के लिए हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (एचआरबीसी) की ओर से रैपीड एक्शन टीम तैयार किया जा रहा है। बताया गया है कि इस टीम में इंजीनियरों के अलावा बाहरी विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा जो नियमित तौर पर सेतु की सेहत का ख्याल रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि बीते साल माझेरहाट ब्रिज का एक हिस्सा टूटने के बाद इन दिनों राज्य भर में विभिन्न ब्रिजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस बीच कई ब्रिज ऐसे हैं जिनकी स्थिति बेहद दयनीय हैं। इनमें कुछ का मरम्मत किया गया है जबकि टाला रेल ओवर ब्रिज को विशेषज्ञों ने तोड़ने की सिफारिश की है। बताया जाता है कि विद्यासागर सेतु के लिए उक्त टीम एहतियातन तैयार की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सेकेंड हावड़ा ब्रिज के नाम से मशहूर विद्यासागर सेतु का निर्माण कार्य 3 जुलाई 1979 को शुरू हुआ था। ब्रिज के बनने और एचआरबीसी से अनुमति मिलने के बाद इस पर गाड़ियों की आवागमन 10 अक्टूबर 1992 से शुरू हुई। विशेषज्ञों ने तकरीबन 27 साल पहले तैयार हुए इस ब्रिज के निर्माण में इस्तेमाल यंत्र की आयु सीमा 25 साल निर्धारित की है। चूंकि निर्धारित अवधि बीत चुकी है इसलिए कमीशन अपने स्तर पर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता।
गौर हो कि वर्तमान में यह ब्रिज कोलकाता को दक्षिण बंगाल से जोड़ने का अहम जरिया है। इतना ही नहीं वर्तमान राज्य सचिवालय नवान्न जाने के लिए भी इसी रास्ते का सहारा लिया जाता है। यह सेतु टोल ब्रिज है, लेकिन साइकिलों के लिए नि:शुल्क है।